झाँसी रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के लिए फेस रेकग्निशन कैमरे, नए साल से होगा काम शुरू
झाँसी रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए रेलवे ने 22 महत्वपूर्ण स्थानों पर फेस रेकग्निशन कैमरे (FRC) लगाने का फैसला किया है। इन कैमरों को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक से जोड़ा जाएगा, जो अपराधियों की पहचान और डेटा विश्लेषण में मदद करेगा।
कैमरों की विशेषताएं:
- चार प्रकार के कैमरे:
- बुलेट टाइप
- पैन टिल्ट
- जूम टाइप
- अल्ट्रा एचडी
- स्पष्ट इमेज कैप्चर:
सीसीटीवी की तुलना में इन कैमरों में साफ और उच्च गुणवत्ता की तस्वीरें कैप्चर होंगी। - अंधेरे में भी प्रभावी:
यह कैमरे अंधेरे में भी तस्वीरें और डेटा कैप्चर करने में सक्षम होंगे। - डेटा स्टोरेज:
इनकी वीडियो रिकॉर्डिंग 30 दिनों तक संरक्षित की जा सकेगी।
कैसे काम करेंगे ये कैमरे?
यह कैमरे स्टेशन की भीड़ में चेहरों को स्कैन करेंगे और संदिग्ध व्यक्तियों को डेटा बेस में उपलब्ध जानकारी से मिलान करेंगे। जैसे ही कोई अपराधी पहचाना जाएगा, कंट्रोल रूम को तुरंत अलर्ट भेजा जाएगा।
कहां लगाए जाएंगे कैमरे?
- प्रतीक्षालय
- आरक्षण काउंटर
- पार्किंग क्षेत्र
- मुख्य प्रवेश और निकास
- प्लेटफॉर्म फुट ओवरब्रिज
- जीआरपी ओवरब्रिज
- बुकिंग कार्यालय
रेलवे का बयान:
झाँसी मंडल के रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा के अनुसार, “फेस रेकग्निशन कैमरे रेलवे स्टेशन की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएंगे। जनवरी 2024 तक इस परियोजना का काम पूरा होने की उम्मीद है। इससे आरपीएफ और जीआरपी जैसी सुरक्षा एजेंसियों को मदद मिलेगी।”