झांसी: में 11 साल की बच्ची को बंधक बनाकर घरेलू काम करवाने और प्रताड़ित करने के मामले में आरोपी दंपति पर बाल कल्याण समिति ने 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। बालिका को रेस्क्यू कर उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
बाल कल्याण समिति को जानकारी मिली थी कि लहरगिर्द इलाके में रेलवे के एक कर्मचारी ने बिहार की रहने वाली 11 वर्षीय बच्ची को बंधक बना रखा है। बच्ची से घर के सारे काम करवाए जा रहे थे। उसे न तो भरपेट खाना दिया जाता था और न ही पहनने को ढंग के कपड़े। बच्ची ने बताया कि गलती करने पर उसे चिमटे से दागा जाता था।
कैसे हुआ बच्ची का रेस्क्यू?
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजीव शर्मा के आदेश पर चाइल्डलाइन, एएचटीयू (एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट) और श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने मिलकर बच्ची को रेस्क्यू किया। बच्ची ने अपने बयान में बताया कि वह बिहार के दरभंगा की निवासी है। उसे पढ़ाई के नाम पर झांसी लाया गया था, लेकिन यहां उससे घरेलू काम करवाए गए।
बालिका को परिवार को सौंपा गया
बालिका के माता-पिता शनिवार को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश हुए। उन्होंने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और पढ़ाई के लिए उन्होंने बच्ची को झांसी भेजा था। माता-पिता ने दंपति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से इनकार करते हुए बच्ची को वापस लेने का अनुरोध किया।
आरोपी दंपति पर जुर्माना
दंपति ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए 20 हजार रुपये का बैंक ड्राफ्ट बच्ची के माता-पिता को सौंपा। बच्ची को परिजनों को सौंपते समय बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजीव शर्मा और अन्य सदस्य उपस्थित रहे।