31 दिसम्बर तक का समय
झाँसी: प्राकृतिक आपदाओं से लगातार तबाह होने के बावजूद, जिले के 1.77 लाख किसानों ने अब तक अपनी फसलों का बीमा नहीं कराया है। अब इन किसानों के पास केवल 6 दिन का समय बचा है, क्योंकि 31 दिसम्बर के बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराना संभव नहीं होगा।
इस वर्ष, झाँसी जिले में 2.95 लाख किसानों ने रबी फसलों की बुआई की है। इनमें से केवल 1.18 लाख किसानों ने फसलों का बीमा कराया है। बीमा कराने वाले अधिकांश किसान वे हैं जिन्होंने केसीसी (कृषि क्रेडिट कार्ड) से ऋण लिया है और उनका बीमा बैंक द्वारा किया गया है। इसके बावजूद, जिन किसानों ने स्वेच्छा से फसल बीमा करवाना चाहा है, उनकी संख्या बहुत कम रही है। अब तक केवल 1,054 किसानों ने स्वेच्छा से बीमा कराया है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का महत्व
प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को सुरक्षा प्रदान करती है। इस योजना के तहत किसानों को मामूली प्रीमियम देना होता है, जबकि शेष प्रीमियम सरकार द्वारा वहन किया जाता है। यह योजना उन किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है, जो फसलों को नुकसान से बचाना चाहते हैं।
बीमा के लिए क्या है प्रीमियम दर?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसलों के बीमित मूल्य के हिसाब से प्रीमियम देना होता है। जैसे कि गेहूँ के लिए प्रति हेक्टेयर बीमित राशि ₹68,700 है और इसके लिए प्रीमियम ₹1,031 है। मटर के लिए यह ₹81,100 है और प्रीमियम ₹1,217 है।
किसान क्यों नहीं करा रहे बीमा?
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को बीमा योजनाओं के प्रति जागरूक करना अभी भी एक बड़ी चुनौती है। कई किसान प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए बीमा लेने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, और केवल वे किसान बीमा करवा रहे हैं, जिनके पास ऋण हैं। इसके बावजूद, किसान यदि फसल बीमा नहीं कराते हैं, तो वे हर वर्ष की प्राकृतिक आपदा से होने वाली क्षति से बच नहीं पाएंगे।
अंतिम तारीख नजदीक
अब समय कम है, और 31 दिसम्बर के बाद फसलों का बीमा कराना संभव नहीं होगा। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे शीघ्र ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाएं और अपनी फसलों का बीमा करा लें।