बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में इस बार ऑनलाइन छात्रवृत्ति आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए चार नए बायोमेट्रिक सत्यापन केंद्र स्थापित किए गए हैं। यह कदम विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों की पहचान सत्यापित करने के लिए उठाया गया है।
बायोमेट्रिक केंद्रों की स्थापना:
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय के निर्देश पर, विश्वविद्यालय परिसर में चार बायोमेट्रिक केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य ऑनलाइन छात्रवृत्ति आवेदन की प्रक्रिया को सही तरीके से सत्यापित करना है। प्रत्येक केंद्र में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो छात्रों की मदद करेगा।
छात्रवृत्ति आवेदन की नई प्रक्रिया:
इस बार प्रदेश सरकार द्वारा संचालित दशमोत्तर छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब प्रत्येक छात्र-छात्रा का बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा, और उसके बाद ही आवेदन को आगे बढ़ाया जाएगा। यह प्रक्रिया छात्रों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए लागू की गई है।
सत्यापन कार्य में दिक्कतें और समाधान:
हालांकि, इस नई प्रक्रिया के चलते सत्यापन कार्य में कुछ दिक्कतें आई हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे समय पर सुलझाने के लिए नए कंप्यूटर केंद्रों पर काम शुरू कर दिया है। 15 जनवरी तक सभी ऑनलाइन सत्यापन कार्य पूरे करने की समयसीमा निर्धारित की गई है।
नोडल अधिकारी की नियुक्ति:
सत्यापन केंद्रों के संचालन के लिए विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इनमें डॉ. सचिन उपाध्याय (विज्ञान विभाग), डॉ. शुभांगी निगम (आईआईटी कंप्यूटर साइंस), और सन्तोष कुमार सिंह (छात्रवृत्ति कार्यालय) शामिल हैं।