झाँसी: इस बार झाँसी जिले में रबी फसलों की बुआई पूरी हो चुकी है, और अब सभी खेतों में फसलें उगाई जा चुकी हैं। मौसम की स्थिति भी रागय और गिली बारिश के रूप में फसलों के लिए अनुकूल रही है। इन फसलों को ज्यादा उपजाऊ बनाने के लिए यूरिया की मांग तेजी से बढ़ी है। परिणामस्वरूप, किसान अब यूरिया के लिए सहकारी समितियों पर लंबी लाइनें लगा रहे हैं। हालांकि, अब तक यूरिया को लेकर कोई विवाद की खबर सामने नहीं आई है, लेकिन आने वाले समय में यह संकट उत्पन्न हो सकता है, जिसे प्रशासन हल करने के लिए कदम उठा रहा है।
रबी सीजन में 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई
झाँसी जिले में इस साल रबी फसलों की बुआई का लक्ष्य 4,83,037 हेक्टेयर था, लेकिन किसानों ने 5 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में फसलें बोईं। खाद्यान्न, तिलहन और दलहन फसलों की बुआई में किसानों ने विशेष रुचि दिखाई। हालांकि, बुआई के समय डीएपी की कमी का सामना करना पड़ा था, जिसे कृषि और सहकारिता विभाग ने पूरी तरह से हल कर दिया था। अब यूरिया की जरूरत है, क्योंकि फसलों की टॉप ड्रेसिंग शुरू हो चुकी है और इसके लिए यूरिया की आवश्यकता बढ़ी है।
यूरिया का वितरण और स्टॉक
इस समय जिले में 39,147 मीट्रिक टन यूरिया का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 33,158 मीट्रिक टन का वितरण किया जा चुका है। गुरुवार को विभिन्न गोदामों पर यूरिया की नई खेप भेजी गई, जिनमें आईएफएफ विरगांव, विसनी घमना, सेमरी और अन्य क्षेत्रों के गोदाम शामिल हैं। इन जगहों पर 500 से लेकर 1,200 मीट्रिक टन यूरिया वितरित किया गया है। यूरिया की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन लगातार काम कर रहा है।
कृषि विभाग का बयान
जिला कृषि अधिकारी कुलदीप कुमार मिश्रा ने बताया कि किसानों को यूरिया की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। आगामी एक-दो दिन में यूरिया की नई खेप आने की संभावना है, और जोत बही के आधार पर किसानों को निर्धारित मात्रा में यूरिया दिया जाएगा। उनका कहना है कि सहकारी समितियों और निजी केंद्रों पर यूरिया की आपूर्ति बढ़ाई जा रही है ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।