8 घंटे से अधिक वाहन चलाने पर भारी वाहन ड्राइवर और मालिक के खिलाफ कार्रवाई

झाँसी में सड़क सुरक्षा के लिए सख्त कदम, 8 घंटे से अधिक समय तक वाहन चलाने पर होगी कार्रवाई

सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन ने एक नई रणनीति अपनाई है। भारी वाहन चालकों द्वारा 8 घंटे से अधिक समय तक वाहन चलाने की आदत, जो अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनती थी, अब इस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। थकावट के कारण ड्राइवरों को नींद आ जाती है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है।

थकान और नींद के कारण दुर्घटनाएं: कई अध्ययन के बाद यह सामने आया है कि सड़क पर अधिकांश हादसे उस समय होते हैं जब भारी वाहन चालकों को लगातार चलाने के कारण नींद आ जाती है। यह स्थिति विशेषकर उन ड्राइवरों में देखने को मिलती है जो घंटों तक बिना आराम किए वाहन चला रहे होते हैं। इससे न केवल उनकी थकान बढ़ती है, बल्कि उनकी सतर्कता भी कम हो जाती है, जिससे दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ जाता है।

नया आदेश और कड़े नियम: सम्भागीय परिवहन अधिकारी, अरविंद कुमार त्रिवेदी के अनुसार, राज्य सड़क सुरक्षा परिषद ने सड़क दुर्घटनाओं को 50% तक कम करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत, भारी वाहन मालिकों को यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने ड्राइवरों से 8 घंटे से अधिक समय तक वाहन न चलवाएं। इसके बाद भी यदि कोई नियमों का पालन नहीं करता और दुर्घटना होती है, तो ड्राइवर के साथ-साथ वाहन मालिक के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ड्राइवरों और वाहन मालिकों को दी गई चेतावनी: सम्भागीय परिवहन अधिकारी ने ट्रक, बस और टैम्पो-टैक्सी संघों के अध्यक्षों को एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत, सभी वाहन मालिकों को यह जानकारी दी जा रही है कि यदि वे 8 घंटे से अधिक समय तक अपने ड्राइवर से वाहन चलवाते हैं, तो उन्हें खुद जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इसके साथ ही, इस आदेश की जानकारी ड्राइवरों तक मोबाइल और ई-मेल के जरिए पहुंचाई जा रही है।

नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए ध्यानपूर्वक कार्रवाई की जाएगी।

इस नए आदेश का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना है और इससे जुड़ी दुर्घटनाओं को रोकना है।

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