दारोगा की गलत विवेचना से पत्नी और एक अन्य को मिल रहा न्याय, हत्या के आरोप में आरोपी बरी
झाँसी के बबीना थाना क्षेत्र में एक हत्या के मामले में पुलिस की गलत विवेचना ने एक महिला और उसके एक साथी को हत्यारोपी बना दिया था, लेकिन न्यायालय ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया है। साथ ही, न्यायालय ने विवेचक दारोगा ईश्वर सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखने के आदेश दिए हैं।
यह मामला खैलार निवासी मोहन सिंह के हत्याकांड से जुड़ा हुआ था। पुलिस ने शुरू में मोहन सिंह की पत्नी रानी यादव और गुलाब सिंह पर हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन बाद में यह साबित नहीं हो सका कि इन दोनों का हत्या से कोई संबंध था।
कहानी का सारांश
मोहन सिंह की पत्नी रानी यादव ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसके पति का मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी और वे खेती-बाड़ी से जुड़े हुए थे। उसका आरोप था कि उसकी भूमि पर भूमाफियाओं की नजर थी और उसके पति के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर भूमि का सौदा किया गया था। बाद में 10 जून 2018 को मोहन सिंह की लाश एक पेड़ से लटकी हुई पाई गई, जिसके बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने इस मामले में रानी यादव और गुलाब सिंह को आरोपी बनाया, जबकि असली आरोपी, मुन्नालाल साहू और अन्य संदिग्धों को छोड़ दिया। पुलिस की यह गलती न्यायालय में उजागर हुई, जहां माना गया कि विवेचक का रवैया संदिग्ध था और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से नहीं निभाई।
न्यायालय का निर्णय
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, शक्तिपुत्र तोमर ने इस मामले में रानी यादव और गुलाब सिंह को बरी कर दिया। न्यायालय ने विवेचक दारोगा के कार्य को बेहद आपत्तिजनक और शासकीय कर्तव्यों के प्रति असत्यनिष्ठा मानते हुए विभागीय कार्यवाही की सिफारिश की।