वफादार पिटबुल जेनी ने झांसी में बच्चों को सांप से बचाया, तीन मिनट की लड़ाई में मारी बाजी
झांसी। कुत्तों की वफादारी के किस्से तो अक्सर सुनने को मिलते हैं, लेकिन झांसी में मंगलवार को पिटबुल डॉगी ‘जेनी’ ने अपनी बहादुरी से सबको चौंका दिया। रक्सा क्षेत्र के करौंदी माता मंदिर के पास एक घर के बगीचे में खेल रहे बच्चों पर धामन प्रजाति के एक जहरीले सांप ने हमला कर दिया, लेकिन जेनी ने अपनी जान की परवाह किए बिना बच्चों को सुरक्षित बचाया।
तीन मिनट की लड़ाई में सांप को किया ढेर:
रक्सा क्षेत्र के करौंदी माता मंदिर के पीछे सागर सिंह यादव का परिवार रहता है। उन्होंने अपने घर के सामने एक सुंदर बगीचा बनाया है। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे, सागर यादव का 10 वर्षीय भतीजा युवराज और 8 वर्षीय टिक्कू अपने पड़ोसी दोस्तों के साथ बगीचे में खेल रहे थे। अचानक झाड़ियों से धामन प्रजाति का एक सांप निकल आया और बच्चों की ओर बढ़ने लगा।
बच्चों की चीख सुनकर जेनी हुई सतर्क
सांप को देखते ही बच्चे डर के मारे जोर-जोर से चिल्लाने लगे। बच्चों की चीखें घर के अंदर तक नहीं पहुंचीं, लेकिन पास में बंधी पिटबुल डॉगी जेनी ने बच्चों की आवाज सुनी। अपनी वफादारी और बहादुरी दिखाते हुए, जेनी ने गले में बंधी रस्सी को पूरी ताकत से तोड़ दिया और बच्चों की ओर बढ़ते सांप से भिड़ गई।
तीन मिनट की बहादुरी ने बचाई जानें
जेनी और सांप के बीच करीब तीन मिनट तक लड़ाई चली। आखिरकार, जेनी ने सांप को मार गिराया और बच्चों की जान बचा ली। यह देखकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। सागर यादव ने कहा, “आज जेनी ने जो किया, वह हमारे लिए बहुत बड़ा उपकार है। उसने बच्चों की जान बचाकर हमारी रक्षा की।
वफादारी और बहादुरी का अद्भुत उदाहरण
इस घटना ने न केवल सागर यादव के परिवार को राहत दी, बल्कि पिटबुल जैसे कुत्तों की वफादारी और साहस का एक अद्भुत उदाहरण भी पेश किया। झांसी के लोगों ने जेनी की इस बहादुरी की खूब सराहना की।
निष्कर्ष:
जेनी ने अपनी बहादुरी और वफादारी से यह साबित कर दिया कि कुत्ते न केवल इंसानों के अच्छे दोस्त होते हैं, बल्कि वे जरूरत पड़ने पर अपनी जान पर खेलकर हमें बचा भी सकते हैं। यह घटना सच्ची वफादारी और साहस का प्रतीक है, जो लंबे समय तक झांसी के लोगों की यादों में बसी रहेगी।