झाँसी मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान युवक की मौत, परिजनों ने किया हंगामा
झाँसी: एक सड़क दुर्घटना में घायल युवक की मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर (ईएमओ) को निलंबित कर दिया और अन्य स्टाफ पर जांच बैठा दी गई है।
कैसे हुआ हादसा?
राजगढ़, प्रेमनगर निवासी 18 वर्षीय विनय अहिरवार पुत्र जगदीश अहिरवार, एक ठेकेदार के साथ बिजली का कार्य करता था। गुरुवार को वह अपने सहयोगी शहबाज उर्फ बिट्टो के साथ मोटरसाइकिल से शिवपुरी (मध्य प्रदेश) जा रहा था। रक्सा टोल प्लाजा के पास एक ट्रक ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी, जिससे विनय गंभीर रूप से घायल हो गया और शहबाज को भी चोटें आईं।
सूचना मिलने पर ठेकेदार के लोग तुरंत उसे झाँसी मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। हादसे की खबर मिलते ही विनय के परिवारजन भी अस्पताल आ गए।
परिजनों ने लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप
परिजनों के अनुसार, विनय को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टरों ने समय पर इलाज नहीं किया। बहन सोनम का आरोप है कि घायल विनय दर्द से कराहता रहा, लेकिन डॉक्टर उसे देखने नहीं आए। परिजनों ने खुद एक्स-रे और सीटी स्कैन कराया, लेकिन डॉक्टरों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
सर्जरी और हड्डी रोग विशेषज्ञ आपस में मरीज को देखने की जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालते रहे, जिससे इलाज में देरी हुई। शाम 5:30 बजे उसकी मेडिकल फाइल तैयार की गई, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
मेडिकल कॉलेज प्रशासन की सफाई
मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि मरीज के पहुंचते ही उसका इलाज शुरू किया गया था। उसकी कमर की हड्डी और जांघ में फ्रैक्चर था, साथ ही पेशाब की थैली भी फट चुकी थी। एक्स-रे और सीटी स्कैन समेत हर संभव जांच कराई गई, लेकिन गंभीर चोटों के कारण उसे बचाया नहीं जा सका।
मामले में कार्रवाई करते हुए ईएमओ को निलंबित कर दिया गया है, वहीं, 5 सदस्यीय कमेटी गठित कर ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की जांच के आदेश दिए गए हैं। यह कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
पुलिस ने संभाला मामला
मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। उन्होंने डॉक्टरों और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस को शिकायती पत्र भी दिया। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को शांत कराया।
मामले की जांच जारी है, और प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।