झाँसी: विश्व पार्किन्सन दिवस पर कार्यक्रम, विशेषज्ञों ने बताए बचाव के उपाय

पार्किन्सन रोग जागरूकता झाँसी

झाँसी। बुन्देलखण्ड में स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्व पार्किन्सन रोग दिवस पर झाँसी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन बुन्देलखण्ड न्यूरोलॉजी फाउंडेशन और मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। सहयोग में रोटरी क्लब ऑफ झाँसी और एनएमओ की अहम भूमिका रही।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महापौर बिहारी लाल आर्य थे, जबकि अध्यक्षता मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मयंक सिंह ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में विभाग कार्यवाहक धर्मेन्द्र और न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविन्द कनकने मौजूद रहे।

डॉ. अरविन्द कनकने ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को हाथ-पैरों में लगातार कम्पन, चलने-फिरने में कठिनाई, मांसपेशियों में जकड़न, आवाज या लिखावट में बदलाव जैसे लक्षण दिखाई दें, तो उसे नजरअंदाज न करें। ये पार्किन्सन रोग के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। समय पर जांच और सही जीवनशैली से इस बीमारी को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि नियमित व्यायाम, तनाव मुक्त जीवन, संतुलित आहार और अच्छी नींद इस रोग से बचाव में सहायक होते हैं।

इस अवसर पर न्यूरो सर्जन डॉ. दिनेश राजपूत, डॉ. पंकज सौनकिया, डॉ. एके सावंल, और कई अन्य विशेषज्ञों ने भी अपने विचार साझा किए।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव ने किया। इस दौरान डॉ. नीरज श्रीवास्तव, डॉ. नूतन अग्रवाल, डॉ. रामबाबू, एडवोकेट कुंज बिहारी गुप्ता, डॉ. ओम शंकर चौरसिया, सीबी राय, और प्रकाश दीक्षित समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

प्रधानाचार्य डॉ. मयंक सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि केंद्र और राज्य सरकारें स्वास्थ्य से जुड़ी कई जनकल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं और आम जनता को इनका लाभ अवश्य लेना चाहिए।

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