झांसी: नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से झांसी के बेसिक विद्यालयों में पढ़ाई का तरीका पूरी तरह बदलने जा रहा है। अब कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों को भाषा और गणित में निपुण बनाने के लिए खेल, संवाद और एक्टिविटी आधारित शिक्षण पद्धति को अपनाया जाएगा। राज्य परियोजना के अंतर्गत एक नया शिक्षण कैलेण्डर जारी किया गया है, जिसे सभी शिक्षकों को अपनाना अनिवार्य किया गया है।
पढ़ाई होगी 30-30 मिनट के 7 चरणों में
नई प्रणाली के अनुसार विद्यालय का हर दिन 30-30 मिनट के 7 हिस्सों में बांटा जाएगा। पहले चरण में प्रार्थना, स्वच्छता जांच और उपस्थिति होगी। इसके बाद किताबों, कला, पहेली और खेलों के माध्यम से बच्चों की रुचि को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
भाषा, गणित और वैज्ञानिक सोच पर ज़ोर
राज्य स्तर पर तय की गई योजना के अनुसार अब शिक्षण में कहानियों, कविताओं और चित्रों के माध्यम से पढ़ाने की तकनीक को अपनाया जाएगा। सप्ताह के हर दिन का विस्तृत पाठ्यक्रम पहले से तय किया गया है ताकि ग्रीष्मावकाश से पहले तक सभी आवश्यक पाठ पूरे कराए जा सकें।
मुख्यमंत्री डैशबोर्ड से होगी निगरानी
इस बार बच्चों की दक्षता जांच के लिए कराए जाने वाले निपुण असेसमेंट टेस्ट के परिणाम सीधे मुख्यमंत्री डैशबोर्ड से जुड़े होंगे। इस डैशबोर्ड के माध्यम से हर महीने मुख्यमंत्री स्वयं समीक्षा करेंगे। झांसी जिले की पिछली रैंकिंग को देखते हुए इस बार शिक्षा विभाग द्वारा निगरानी और सख्त कर दी गई है।
स्वयंसेवी संगठनों और अधिकारियों की तैनाती
शिक्षकों को नए तरीके से पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। साथ ही, एक स्वयंसेवी संगठन को इस कार्य के लिए नियुक्त किया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और ARP (अकेडमिक रिसोर्स पर्सन) को विद्यालयों का निरीक्षण कर राज्य परियोजना के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा।
अंतिम 30 मिनट होंगे संवाद के लिए
दिन के अंतिम चरण में बच्चों को खेलों में भाग लेने और विभिन्न विषयों पर संवाद करने का समय दिया जाएगा, ताकि उनकी सोचने और बोलने की क्षमता में सुधार हो सके।