अमरनाथ यात्रा 2025: युद्ध जैसे हालात में भी लखनऊ से भारी उत्साह

अमरनाथ यात्रा 2025
 अमरनाथ यात्रा 2025
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अमरनाथ यात्रा 2025: युद्ध के हालात में भी लखनऊ के यात्रियों का उत्साह बरकरार, रोजाना हो रहे पंजीकरण

लखनऊ: पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ भारत की कड़ी कार्रवाई के बीच भी बाबा अमरनाथ बर्फानी की यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति होने के बावजूद, लखनऊ से हर दिन पहले की तरह ही 200 से 300 श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं।

बाबा अमरनाथ बर्फानी यात्रा: 3 जुलाई से 9 अगस्त तक

इस वर्ष बाबा अमरनाथ की पवित्र यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी, जो कुल 37 दिनों की अवधि है। यात्रा के लिए पंजीकरण 22 अप्रैल से ही प्रारंभ हो चुका है। अमरनाथ यात्रा का आरंभ आषाढ़ पूर्णिमा से होता है और यह पूरे सावन मास तक चलती है, जिसका समापन श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षा बंधन के दिन होता है। मान्यता है कि भगवान शिव ने सर्वप्रथम इसी गुफा में श्रावण पूर्णिमा के दिन दर्शन दिए थे, इसलिए इस दिन इस गुफा के दर्शन का विशेष महत्व है। यही कारण है कि श्रावण पूर्णिमा के दिन ही पवित्र छड़ी मुबारक को गुफा में शिवलिंग के पास स्थापित किया जाता है। अमरनाथ गुफा में बनने वाले बर्फ के शिवलिंग को अमरेश्वर के नाम से भी जाना जाता है।

एक तरफ जहाँ पाकिस्तान के विरुद्ध भारतीय सेना का मनोबल ऊंचा है, वहीं दूसरी ओर श्रद्धालुओं ने भी बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अपनी कमर कस ली है। अमीनाबाद स्थित श्री अमरनाथ सेवा संस्थान के महामंत्री ओमप्रकाश निगम ‘ओमी’ ने बताया कि सीमा पर तनाव का श्रद्धालुओं के उत्साह पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। बाबा अमरनाथ की यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में पहले जैसा ही उत्साह बना हुआ है और प्रतिदिन लगभग 200 लोग ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से पंजीकरण करा रहे हैं।

लखनऊ के इन अस्पतालों में बन रहा है स्वास्थ्य प्रमाण पत्र

अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण बायोमीट्रिक तरीके से किया जा रहा है, जिसके लिए यात्रियों को स्वास्थ्य प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है। लखनऊ के पांच प्रमुख अस्पतालों में इसके लिए व्यवस्था की गई है, जहाँ श्रद्धालु अपना चिकित्सा प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं। इनमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल (सिविल अस्पताल), राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मी बाई संयुक्त चिकित्सालय, बलरामपुर अस्पताल, महानगर का भाऊराव देवरस चिकित्सालय और लोकबंधु संयुक्त चिकित्सालय शामिल हैं। पहले सिविल अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 20 से 25 स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनते थे, लेकिन अब अन्य अस्पतालों के जुड़ने से यहाँ प्रतिदिन 10 से 12 प्रमाण पत्र बन रहे हैं। अनुमान है कि हर वर्ष लखनऊ से 10 हजार से अधिक श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं।

आलमबाग के श्री नंदी गौरी शंकर मंदिर अमरनाथ सेवा संस्थान के शिव कुमार ने बताया कि उनकी संस्था की ओर से पहलगाम में भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसकी तैयारियां ज़ोरों पर हैं। इसके अतिरिक्त, इंदिरानगर की श्री बर्फनेश्वर महादेव सेवा समिति और राजाजीपुरम के बाबा अमरनाथ बर्फानी सेवा मंडल भी यात्रा की तैयारियों में जुटे हुए हैं। माना जाता है कि इस पवित्र तीर्थस्थल की यात्रा करने से व्यक्ति को 23 तीर्थों के दर्शन के समान पुण्य प्राप्त होता है। अमरनाथ में स्थित स्वयंभू शिवलिंग की ऊंचाई चंद्रमा की कलाओं के अनुसार घटती और बढ़ती रहती है।

पंजीकरण प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज

अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए पंजीकरण केवल बायोमीट्रिक तरीके से ही होगा और इसके लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र आवश्यक है। इच्छुक श्रद्धालु श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट www.shriamarnathjishrine.com पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, जम्मू एंड कश्मीर बैंक की अमीनाबाद और नक्खास शाखा के साथ ही महानगर स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध है। यात्रा के लिए 13 से 70 वर्ष के स्वस्थ व्यक्ति ही पंजीकरण करा सकते हैं।

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