घड़ी के आविष्कार से पहले समय देखने के प्राचीन तरीके

आज के समय में घड़ी हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुकी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि घड़ी के आविष्कार से पहले लोग समय का पता कैसे लगाते थे? आज हम आपको बताएंगे कि पुराने समय में लोग कैसे समय का अनुमान लगाया करते थे और इसके लिए वे कौन से तरीके इस्तेमाल करते थे।

सूरज की रोशनी से समय का अनुमान

  1. सूर्य घड़ी:
    प्राचीन समय में सूर्य घड़ी (सन क्लॉक) का इस्तेमाल किया जाता था। इसमें एक लंबी छड़ी को जमीन में गाड़ा जाता और उसकी छाया के आधार पर समय का अनुमान लगाया जाता था। यह तरीका बहुत ही साधारण था, लेकिन दिन के समय का सही अनुमान लगाने में मदद करता था।
  2. सूर्योदय और सूर्यास्त:
    सूरज के उगने और डूबने के समय को दिन के दो मुख्य बिंदु माना जाता था। इन बिंदुओं के बीच समय को छोटे हिस्सों में बांटा जाता था, जिससे समय का अंदाजा लगाया जाता था।

जल घड़ी का उपयोग

जल घड़ी (Water Clock) भी एक प्राचीन तरीका था। इसमें एक बर्तन में छेद किया जाता था और पानी को धीरे-धीरे बाहर निकलने दिया जाता था। बर्तन में बने निशानों के माध्यम से समय का अनुमान लगाया जाता था। बाद में, जल घड़ियों को और जटिल बनाया गया, जिनमें घंटियाँ और अन्य उपकरण भी जोड़े गए।

रेत घड़ी (Sand Clock)

रेत घड़ी का प्रयोग भी समय बताने के लिए किया जाता था। इसमें दो बल्बों के बीच एक छोटा सा छेद होता था, जिससे रेत गिरती रहती थी। इस रेत के गिरने में लगे समय से समय का अनुमान लगाया जाता था। इसे अंग्रेजी में ‘सैंड क्लॉक’ कहा जाता है।

चंद्रमा और तारे से समय का अनुमान

  1. चंद्रमा की कलाएं:
    चंद्रमा की बदलती कलाओं को देखकर महीनों का अनुमान लगाया जाता था। यह तरीका समय के दौरान होने वाले बदलावों को समझने में मदद करता था।
  2. तारों की स्थिति:
    रात के समय में तारों की स्थिति का निरीक्षण करके लोग समय का अनुमान लगाते थे। यह तरीका विशेष रूप से रात के समय में उपयोगी होता था।

प्राकृतिक घटनाओं से समय का अनुमान

  1. पशुओं और पक्षियों की गतिविधियां:
    कुछ लोग पशुओं की नींद और जागने का समय, पक्षियों के गाने और अन्य प्राकृतिक घटनाओं के आधार पर समय का अनुमान लगाते थे।
  2. पेड़ों की छाया:
    पेड़ों की छाया का आकार और दिशा देखकर दिन के समय का अंदाजा लगाया जाता था।

समय का पता लगाने के प्राचीन तरीकों की सीमाएं

घड़ी के आविष्कार से पहले समय का अनुमान लगाने के ये तरीके कई सीमाओं के साथ थे। जैसे, इन तरीकों से केवल दिन और रात का सही अनुमान लगाना संभव था, लेकिन सटीक समय का पता नहीं चलता था। इसके अलावा, ये तरीके खुले और रोशन जगहों पर ही सही थे, जिससे कुछ स्थानों पर समय जानने में कठिनाई होती थी।

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