झाँसी: जिले के बेसिक विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की शैक्षणिक प्रगति को डिजिटल रूप से ट्रैक करने के लिए अब ‘अपार कार्ड’ (ऑटोमेटेड परमानेण्ट अकैडमिक अकाउंट रजिस्ट्रि) बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार बच्चों की शैक्षणिक स्थिति पर ऑनलाइन नजर रखने के लिए यह प्रक्रिया शुरू की गई है।
अपार कार्ड क्यों है महत्वपूर्ण?
अपार कार्ड बच्चों की शैक्षिक प्रगति और उपलब्धियों को ट्रैक करने के साथ-साथ स्कूल ट्रांसफर प्रक्रिया को सरल बनाएगा। इस कार्ड के माध्यम से दूसरे स्कूल या राज्य में प्रवेश के लिए ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) की आवश्यकता नहीं होगी।
जनपद में धीमी प्रगति
झाँसी जनपद में अब तक केवल 33,420 बच्चों के अपार कार्ड ही बनाए गए हैं, जबकि जिले में 3.61 लाख बच्चे बेसिक विद्यालयों में पढ़ रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में अपार कार्ड बनाने की स्थिति इस प्रकार है:
- गुरसराय क्षेत्र: केवल 2.9% बच्चों के कार्ड बने।
- झाँसी नगर क्षेत्र: 3.1% बच्चों के कार्ड बने।
- बड़ागाँव: 5.9%
- मोठ: 8.9%
- बंगरा व मऊरानीपुर नगर क्षेत्र: लगभग 12%
यह स्थिति चिंता का विषय है, जिसे सुधारने के लिए अब प्रत्येक माह की 9 व 10 तारीख को “अपार दिवस” मनाने का निर्णय लिया गया है।
अभियान को गति देने के निर्देश
केंद्र सरकार ने अपार कार्ड बनाने की धीमी गति पर नाराजगी जताई है। इस मुद्दे पर स्कूल महानिदेशक कंचन वर्मा ने सभी स्कूलों को 9 और 10 दिसंबर को मेगा अपार दिवस मनाकर अधिक से अधिक बच्चों के कार्ड बनाने का निर्देश दिया है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी का बयान
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विपुल शिव सागर ने सभी प्रधानाध्यापकों को पत्र लिखकर बच्चों के अपार कार्ड बनाने में तेजी लाने और इसे प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।
अपार कार्ड से लाभ:
- बच्चों की शैक्षिक स्थिति का हर साल अपडेट।
- दूसरे स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया होगी आसान।
- शैक्षणिक ट्रैकिंग में पारदर्शिता बढ़ेगी।