बांग्लादेश में धार्मिक स्थलों पर हमले पर भारत की चिंता, विदेश सचिव विक्रम मिसरी का बयान
नई दिल्ली, एएनआई।
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को बांग्लादेश का दौरा किया और वहां अपने समकक्ष मोहम्मद जशीमुद्दीन के साथ व्यापक वार्ता की। इस दौरान उन्होंने हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जताई। उन्होंने हाल ही में धार्मिक स्थलों पर हुए हमलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटनाएं दोनों देशों के सामाजिक ताने-बाने के लिए हानिकारक हैं।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर जोर
विदेश सचिव ने बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर अपनी चिंता साझा की। उन्होंने सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों पर हो रहे हमलों को “चिंताजनक” बताते हुए कहा कि भारत इन मुद्दों पर बांग्लादेश के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।
दोनों देशों के बीच प्रमुख मुद्दों पर चर्चा
विक्रम मिसरी और बांग्लादेश के अधिकारियों के बीच व्यापार, वीजा पॉलिसी, जल बंटवारा, सीमा विवाद और अन्य आपसी हितों पर चर्चा हुई। मिसरी ने इस वार्ता को रचनात्मक और पारस्परिक हितकारी बताया।
धार्मिक स्थल पर हमला: एक गंभीर मामला
ढाका के पास धोर गांव में स्थित महाभाग्य लक्ष्मीनारायण मंदिर में हाल ही में हमला हुआ। मंदिर में पेट्रोल डालकर मूर्तियों को क्षति पहुंचाई गई। मंदिर के पर्यवेक्षक बाबुल घोष ने इस घटना की शिकायत दर्ज कराई है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने बांग्लादेश सरकार से आग्रह किया है कि आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास के कानूनी अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए। उनकी अगली सुनवाई 2 जनवरी 2025 को होनी है।
सकारात्मक रिश्तों का आह्वान
विदेश सचिव ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ सकारात्मक और सहयोगात्मक संबंधों की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत बांग्लादेश के साथ भविष्य में भी इस तरह की चर्चाओं के लिए तैयार है।