
बलरामपुर (उत्तर प्रदेश):
बलरामपुर जिले के मधपुर गांव में उस वक्त हलचल मच गई जब प्रशासन ने मतांतरण के मुख्य आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की आलीशान कोठी को जमींदोज करने का अभियान चलाया। करीब 12 करोड़ रुपये की लागत से बनी 40 कमरों वाली यह कोठी सरकारी ज़मीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी। प्रशासन को इस भवन को गिराने में दो दिन और आठ बुलडोजरों की टीम लगानी पड़ी, लेकिन बारिश और बड़े ढांचे के चलते कार्रवाई पूरी करने में दिक्कतें आईं।
कार्रवाई के दौरान मौके पर पाँच थानों की पुलिस, एक प्लाटून पीएसी और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। मंगलवार को कोठी को लाल निशान लगाकर ध्वस्त करना शुरू किया गया था। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल और एसपी विकास कुमार ने पूरे अभियान की निगरानी की।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जे के मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी और कब्जा हटाने में आया खर्च संबंधित आरोपियों से वसूला जाएगा।
कौन है छांगुर बाबा?
जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर हिंदू युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन कराने के गंभीर आरोप हैं। उसे और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को ATS ने 5 जुलाई को गिरफ्तार किया था। इससे पहले छांगुर बाबा के बेटे महबूब और नीतू के पति नवीन उर्फ जमालुद्दीन को भी जेल भेजा जा चुका है।
18 सदस्यीय नेटवर्क का भंडाफोड़
ATS की जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा के साथ करीब 18 लोग सक्रिय रूप से धर्म परिवर्तन के इस नेटवर्क में शामिल थे। जिला प्रशासन ने मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी भी शुरू कर दी है। सभी आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है और अगली कार्रवाई जल्द की जाएगी।
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