झाँसी में बनेगा रक्षा उत्पादन केंद्र मिसाइल उपकरण और बारूद का निर्माण

मिसाइल उपकरण
झाँसी रक्षा उत्पादन
झाँसी रक्षा उत्पादन

झाँसी, जो अपनी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के अद्वितीय शौर्य और राष्ट्रीय बलिदान के लिए जानी जाती है, अब एक नए गौरव को प्राप्त करने जा रही है। राज्य सूचना आयुक्त डॉ. दिलीप अग्निहोत्री ने हाल ही में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में यह महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि झाँसी का नाम सुनते ही राष्ट्रीय वीरता की भावना जागृत होती है और रानी लक्ष्मीबाई का त्याग आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा। यह एक सुखद संयोग है कि झाँसी, उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण नोड बनने जा रहा है, जहाँ जल्द ही रक्षा उत्पादों के निर्माण से जुड़े उपकरणों का उत्पादन शुरू होगा।

झाँसी बनेगा रक्षा उत्पादन का हब

डिफेंस कॉरिडोर के झाँसी नोड में पहली महत्वपूर्ण इकाई रक्षा मंत्रालय के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत डायनामिक्स लिमिटेड (Bharat Dynamics Limited – BDL) द्वारा स्थापित की जा रही है। इस इकाई में मुख्य रूप से मिसाइल बनाने में इस्तेमाल होने वाले অত্যাধুনিক उपकरण और बारूद का निर्माण किया जाएगा। डॉ. अग्निहोत्री ने इस पहल को क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास बताया, जो न केवल आर्थिक अवसर पैदा करेगा बल्कि देश की रक्षा आत्मनिर्भरता को भी मजबूत करेगा।

मिसाइल उपकरण
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रानी लक्ष्मीबाई का शौर्य और डिफेंस कॉरिडोर का संयोग

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय शोध केंद्र में ‘शौर्य और सामरिक गौरव के इतिहास’ पर चर्चा करते हुए राज्य सूचना आयुक्त ने झाँसी की ऐतिहासिक और सामरिक महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने झाँसी किले के अपने दौरे का भी उल्लेख किया, जहाँ उन्होंने पुलिस जवानों के साथ वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के जीवन और बलिदान पर आधारित लेजर शो देखा। इस अनुभव को उन्होंने भावुक और गौरवपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई और झलकारी बाई जैसी वीरांगनाओं का देश के लिए बलिदान आज भी प्रेरणादायक है।

डॉ. अग्निहोत्री ने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हाल ही में नारी शक्ति द्वारा संचालित ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ का भी उल्लेख किया, जिसे विश्व ने एक शौर्य प्रदर्शन के रूप में देखा। उन्होंने वर्तमान समय में देश की एकता और सामरिक शक्ति की सराहना की, जिससे आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला करना संभव हो रहा है। उन्होंने आधुनिक तकनीक और युद्ध कौशल में भारत की प्रगति को भी रेखांकित किया।

निष्कर्ष:

झाँसी, जो सदियों से वीरता और बलिदान की गाथा गाती आई है, अब रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। भारत डायनामिक्स लिमिटेड की इकाई की स्थापना न केवल इस क्षेत्र के विकास को गति देगी बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी सुदृढ़ करेगी। यह रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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