दिल्ली चुनाव 2025: कांग्रेस की वजह से ‘आप’ को हुई हार

दिल्ली चुनाव 2025दिल्ली चुनाव 2025 परिणाम में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि कांग्रेस के हाथ कोई सीट नहीं आई, लेकिन कांग्रेस ने 14 सीटों पर ‘आप’ को नुकसान पहुँचाया। अगर ‘आप’ और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ होता, तो दोनों पार्टियां मिलकर बहुमत का आंकड़ा पार कर सकती थीं।

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन का न होना दिल्ली के राजनीतिक परिणामों पर भारी पड़ा। चुनावी विश्लेषकों के अनुसार, इन 14 सीटों पर जहां ‘आप’ की हार का अंतर कांग्रेस के वोटों से कम रहा, वहां गठबंधन की स्थिति में तस्वीर कुछ और हो सकती थी।

कांग्रेस के वोटों का विभाजन, जहां पहले एंटी-बीजेपी और एंटी-कांग्रेस वोट मिलते थे, अब आम आदमी पार्टी के पक्ष में जाते रहे हैं। 2013 में जहां कांग्रेस को 25% वोट मिले थे, वहीं 2020 तक यह घटकर 4% तक पहुँच गए। दूसरी ओर, ‘आप’ का वोट प्रतिशत 30% से बढ़कर 54% तक पहुंच चुका था। इस बदलाव से साफ़ है कि अलग-अलग चुनावी लड़ाई के कारण दोनों पार्टियों को नुकसान हुआ।

राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि दोनों पार्टियों ने गठबंधन किया होता, तो दिल्ली में कांग्रेस और ‘आप’ की संयुक्त सीटें 37 तक पहुंच सकती थीं, जो बहुमत से एक सीट ज्यादा होती।

आप और कांग्रेस के नेताओं के बीच मतभेदों के कारण गठबंधन न हो सका। कांग्रेस के नेताओं ने 5 से 10 सीटें मांगी थीं, लेकिन केजरीवाल ने गठबंधन की पेशकश ठुकरा दी। नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस का चुनाव प्रचार फीका रहा और ‘आप’ के लिए नुकसान बढ़ा।

इसके विपरीत, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव जैसी अन्य पार्टियों ने आप के पक्ष में चुनाव प्रचार किया, जिससे कांग्रेस अकेली पड़ गई। इसने चुनावी परिणामों में और भी बड़ा फर्क डाला।

इस पूरी राजनीतिक घटना ने दिखाया कि अगर गठबंधन होता तो कहानी कुछ और होती और दिल्ली चुनाव 2025 के परिणाम भी कुछ और होते।

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