2024: शिक्षा में बुंदेलखंड ने दिखाए नए आयाम
वर्ष 2024 बुंदेलखंड के लिए शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़ी सौगात लेकर आया। इस वर्ष बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को अपने स्वर्ण जयन्ती वर्ष में प्रतिष्ठित नैक “ए+” ग्रेड मिला। साथ ही पीएम ऊषा योजना के तहत विश्वविद्यालय को 100 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
इसके अलावा, केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय को नीति आयोग से जैविक उत्पादों की जाँच के लिए लैब और मोटे अनाजों के ब्रांड को बाजार में लाने के लिए सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस बनाने हेतु 24 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्राप्त हुई। ये कदम बुंदेलखंड के किसानों के लिए लाभकारी साबित होंगे।
बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में भी कई अहम बदलाव देखने को मिले। इस वर्ष पीएम श्री योजना के तहत 6 नए विद्यालयों का गठन हुआ, जबकि 9 विद्यालयों का निर्माण पिछले वर्ष किया गया था। स्मार्ट क्लासेस ने ब्लैक बोर्ड की जगह ले ली, जिससे छात्रों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
शिक्षा क्षेत्र में अन्य महत्वपूर्ण सुधार
- बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को नैक का “ए+” ग्रेड मिला और पीएम ऊषा योजना से 100 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई।
- केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय को जैविक उत्पादों की जांच के लिए लैब और सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लिए 24 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली।
- बुंदेलखंड में पॉलीहाउस खेती की स्थापना की गई और इसके माध्यम से किसानों को नई तकनीकें सिखाई जा रही हैं।
- झाँसी के युवाओं ने सिविल सेवा, नीट, और नैशनल लॉ विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में सर्वोच्च रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया।
छवि प्रभावित करने वाली घटनाएं
हालांकि, शिक्षा क्षेत्र में कुछ नकारात्मक घटनाएँ भी हुईं। बेसिक शिक्षा विभाग में दो लिपिकों को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया, जिसने विभाग की छवि को धक्का पहुँचाया। इसके अलावा, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में शिक्षक नियुक्ति को लेकर विवाद उठे और छात्र आंदोलनों का सामना भी किया गया।
बेसिक और माध्यमिक विद्यालयों के निरीक्षण में कई शिक्षक अनुपस्थित पाए गए, और कुछ विद्यालयों में छात्र नहीं मिले। इन घटनाओं ने भी क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित किया।
आगे की दिशा: शिक्षा में नवाचार और सुधार
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय के नेतृत्व में विश्वविद्यालय का नया रोडमैप तैयार किया जा रहा है, जिसमें नए प्रशासनिक भवन, हेरिटेज सेंटर, नए लैब और कई एक्सीलेंस सेंटर शामिल हैं।
रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने युवाओं के लिए उद्यमिता विकास के कई कार्यक्रम आयोजित किए। पॉलीहाउस खेती, मशरूम और शहद उत्पादन इकाई का संचालन और मछली पालन के स्नातक और परास्नातक कोर्स की शुरुआत की गई। ये पहल क्षेत्र के युवाओं के लिए नए अवसरों का निर्माण कर रही हैं।