हॉस्पिटल सील होने और केस दर्ज होने के बाद संचालक ने की आत्महत्या
ललितपुर: उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में एक प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालक ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। यह मामला उस समय सामने आया जब एक गर्भवती महिला और उसके बच्चे की मौत के बाद प्रशासन ने हॉस्पिटल को सील कर दिया था और संचालक पर मुकदमा दर्ज किया गया था।
क्या है पूरा मामला?
ललितपुर निवासी नवीन सोनी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने अपनी गर्भवती पत्नी को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टर ने उन्हें किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर कर दिया, जिसके बाद वे मजबूरी में माँ गायत्री हॉस्पिटल गए। वहाँ हॉस्पिटल संचालक प्रदीप पाठक ने उनकी पत्नी को इंजेक्शन लगाया, लेकिन डोज ज्यादा होने के कारण उनकी पत्नी और गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई।
इस घटना के बाद पुलिस ने हॉस्पिटल संचालक प्रदीप पाठक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया और प्रशासन ने हॉस्पिटल को सील कर दिया।
मानसिक अवसाद में था संचालक
मुकदमा दर्ज होने और हॉस्पिटल बंद होने के कारण प्रदीप पाठक तनाव में आ गया था। बीते दिन उसने झाँसी स्थित अपने घर में जहर खा लिया। हालत बिगड़ने पर परिवार के लोग उसे मेडिकल कॉलेज ले गए, लेकिन गंभीर स्थिति में रहने के कारण ICU में भर्ती किया गया। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
मृतक के परिजनों का कहना है कि प्रदीप को गलत तरीके से फँसाया गया, जिसके चलते वह अवसाद में चला गया और आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर हुआ।
निष्कर्ष
यह घटना प्रशासनिक कार्रवाई और प्राइवेट हॉस्पिटलों में लापरवाही से जुड़े कई सवाल खड़े करती है। पुलिस पूरे मामले की जाँच कर रही है, लेकिन इस घटना ने ललितपुर और झाँसी में चिकित्सा व्यवस्था पर गंभीर बहस छेड़ दी है।