आज के दौर में ईयरफोन का उपयोग आम हो गया है, खासकर युवा वर्ग में। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लंबे समय तक ईयरफोन का इस्तेमाल सुनने की क्षमता को कमजोर कर सकता है? अत्यधिक शोर के संपर्क में रहने से कानों को गंभीर नुकसान हो सकता है। इस लेख में हम आपको ईयरफोन के अधिक उपयोग से होने वाले खतरों और कानों को सुरक्षित रखने के उपायों के बारे में बता रहे हैं।
ईयरफोन के अधिक इस्तेमाल से होने वाले नुकसान
- सुनने की क्षमता में कमी – लगातार तेज आवाज में ईयरफोन लगाने से हियरिंग सेल्स प्रभावित होती हैं, जिससे सुनने की क्षमता कमजोर हो सकती है।
- बहरेपन का खतरा – 85 डेसिबल से अधिक की ध्वनि लंबे समय तक सुनने से स्थायी रूप से सुनने की शक्ति खत्म हो सकती है।
- कान में दर्द और सूजन – लंबे समय तक ईयरफोन लगाने से कानों में जलन, दर्द और सूजन हो सकती है।
- इंफेक्शन का खतरा – ईयरफोन के अधिक उपयोग से कानों में नमी बनी रहती है, जिससे बैक्टीरिया पनप सकते हैं और इंफेक्शन हो सकता है।
- सिरदर्द और माइग्रेन – तेज आवाज और लंबे समय तक ईयरफोन का उपयोग करने से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या हो सकती है।
- नींद की परेशानी – ईयरफोन के उपयोग से दिमाग पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
सुनने की सुरक्षित सीमा क्या है?
विशेषज्ञों के अनुसार, हमारे कान 40 से 60 डेसिबल तक की ध्वनि को सुरक्षित रूप से ग्रहण कर सकते हैं। लेकिन यदि ध्वनि का स्तर 85 डेसिबल या उससे अधिक हो जाता है, तो यह नुकसानदायक हो सकता है।
- 60 डेसिबल – सामान्य बातचीत की आवाज
- 70 डेसिबल – हल्की शोरगुल वाली जगह
- 85 डेसिबल – लंबे समय तक एक्सपोजर पर कानों के लिए हानिकारक
- 100 डेसिबल या अधिक – स्थायी सुनने की हानि का खतरा
ईयरफोन का सुरक्षित रूप से उपयोग करने के टिप्स
- आवाज की सीमा नियंत्रित करें – ईयरफोन का वॉल्यूम 40% से अधिक न रखें।
- लंबे समय तक न लगाएं – यदि काम के दौरान ईयरफोन लगाना जरूरी है, तो हर घंटे 5-10 मिनट का ब्रेक लें।
- क्वालिटी वाले ईयरफोन का इस्तेमाल करें – अच्छे ब्रांड के ईयरफोन खरीदें, जो कानों के लिए सुरक्षित हों।
- रात में ईयरफोन लगाने से बचें – सोते समय ईयरफोन का उपयोग न करें, क्योंकि इससे दिमाग पर दबाव पड़ता है।
- ईयरफोन को साफ रखें – नियमित रूप से ईयरफोन को साफ करें ताकि बैक्टीरिया का खतरा कम हो।
- ईयर प्लग का करें उपयोग – यदि आप फैक्ट्री या रेलवे स्टेशन जैसे शोरगुल वाले स्थानों पर काम करते हैं, तो ईयर प्लग का इस्तेमाल करें।
नवजात बच्चों की सुनने की क्षमता का भी रखें ध्यान
डॉक्टरों के अनुसार, नवजात शिशु को लेटाकर दूध पिलाने से उनके कानों में दूध चला जाता है, जिससे सुनने की समस्या हो सकती है। ऐसे में, बच्चे को दूध पिलाते समय उसके सिर के नीचे हाथ रखें ताकि उसके कान सुरक्षित रहें।
निष्कर्ष
ईयरफोन का अधिक और गलत तरीके से उपयोग करने से आपकी सुनने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यदि आप ईयरफोन का उपयोग करते हैं, तो उचित सावधानियां बरतें और अपने कानों को सुरक्षित रखें। आवाज की सीमा का ध्यान रखें और कानों को समय-समय पर आराम दें, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की सुनने संबंधी समस्या न हो।