झाँसी के महाविद्यालय के पूर्व प्रबंधक और प्राचार्य पर 30 लाख रुपए की हेराफेरी का आरोप

महाविद्यालय के पूर्व प्रबंधक और प्राचार्य पर 30 लाख रुपए की हेराफेरी का आरोप

झाँसी में एक महाविद्यालय के पूर्व प्रबंधक और प्राचार्य पर 30 लाख रुपए की हेराफेरी का गंभीर आरोप लगाया गया है। पुलिस ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर दर्ज किया गया है।

हेराफेरी का मामला

रामस्वरूप यादव महाविद्यालय, जो कि रामस्वरूप यादव शिक्षा समिति द्वारा संचालित किया जाता है, में यह घटना घटी। शिक्षा समिति के अध्यक्ष, ज्ञान सिंह यादव ने पुलिस को बताया कि उनके पिता, जगदीश सिंह यादव, जो समिति के संस्थापक थे, 2016 में निधन हो गए थे। इसके बाद समिति का अध्यक्ष पद ज्ञान सिंह के पास आ गया।

ज्ञान सिंह के अनुसार, जब संस्था की प्रबंध समिति को भंग कर दिया गया और सहायक रजिस्ट्रार ने 23 जून 2023 को इसे कालातीत घोषित कर दिया, तब पूर्व प्रबंधक चन्द्रभान सिंह ने अवैध रूप से महाविद्यालय के बैंक खातों का संचालन जारी रखा।

कूटरचित नियुक्ति पत्र का मामला

इसके बाद चन्द्रभान सिंह ने अवैध रूप से डॉ. मोनिका भारद्वाज को प्राचार्य के पद पर नियुक्त किया, जबकि डॉ. राजीव गुप्ता का अवकाश था। चन्द्रभान सिंह और मोनिका भारद्वाज ने मिलकर कूटरचित नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर किए और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को भेजा। इसके बाद डॉ. मोनिका भारद्वाज ने अवैध रूप से महाविद्यालय के प्राचार्य पद पर कब्जा कर लिया और बैंक खातों में लाखों रुपए की हेराफेरी की।

आरोप और धमकी

गुणवत्ता की जानकारी के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने मिलकर महाविद्यालय के बैंक खातों से 29,87,887 रुपए की हेराफेरी की। जब शिक्षा समिति के अध्यक्ष ज्ञान सिंह ने इसका विरोध किया, तो आरोपितों ने उन्हें गाली-गलौज की और धमकी दी कि उन्हें झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेज देंगे।

पुलिस कार्रवाई

पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में जांच जारी है और पुलिस आरोपी चन्द्रभान सिंह और डॉ. मोनिका भारद्वाज को पकड़ने की कोशिश कर रही है।

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