
क्वेटा (आईएएनएस)। बलूचिस्तान में जबरन लोगों को गायब किए जाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिस पर अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है। बलूच नेशनल मूवमेंट (BNM) ने हाल ही में जानकारी दी है कि पाकिस्तानी सेना ने सात और बलूच नागरिकों को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के हिरासत में लेकर गायब कर दिया है।
मानवाधिकार संगठनों ने कहा है कि यह घटनाएं न सिर्फ कानून का उल्लंघन हैं बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध भी हैं। बलूच नागरिकों को उठाने से पहले कोई कानूनी नोटिस नहीं दिया जाता और परिवार वालों को उनकी स्थिति की कोई जानकारी नहीं होती।
ताजा मामले:
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19 मई: मस्तुंग के किल्ली शेखान इलाके से वकास बलूच को जबरन हिरासत में लिया गया।
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18 मई: ग्वादर के नवीद बलूच और मस्तुंग से अत्ता उल्ला बलूच को सेना ने हिरासत में लिया।
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16 मई: शाह नवाज बलूच को उनके पिता के साथ सैन्य शिविर में बुलाया गया, लेकिन बाद में उन्हें वहीं रोक लिया गया।
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17 मई: नसीराबाद निवासी अमीन उल्ला बलूच को भी सुरक्षा बल उठा ले गए। उसी दिन 13 वर्षीय फियाज अली भी लापता हो गया।
इन घटनाओं के खिलाफ बलूच और सिंधी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी किए हैं। सिंधियन नेशनल कांग्रेस ने हैदराबाद में एक विशाल मार्च का आयोजन किया, जिसमें सिंध के विभिन्न जिलों से हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।
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