झाँसी: आत्महत्या के बढ़ते मामले: 30 दिनों में 37 युवाओं ने की जीवनलीला समाप्त

झाँसी। बदलते समाज और युवा पीढ़ी की मानसिक स्थिति आज एक बेहद चिंताजनक दौर से गुजर रही है। बीते 30 दिनों में झाँसी जिले में 37 युवाओं ने आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाया, जो कि एक बेहद गंभीर सामाजिक संकेत है।झाँसी आत्महत्या मामले

पहले के समय में जब जीवन में कोई कठिनाई या भ्रम की स्थिति आती थी, तो बच्चे अपने माता-पिता या मित्रों से खुलकर बातचीत कर लेते थे। इस तरह वे मानसिक दबाव से काफी हद तक मुक्त हो जाते थे। लेकिन आज का युवा अपने मन की बातें खुद तक सीमित रखता है और अंदर ही अंदर घुटता रहता है। यही चुप्पी कई बार उसे आत्मघात की ओर धकेल देती है।

केस 1: चिरगांव के अभिषेक ने अमरूद के बाग में किया आत्मदाह

चिरगांव क्षेत्र के मिरौना गांव निवासी 25 वर्षीय अभिषेक कुशवाहा ने अचानक फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। खास बात यह रही कि घटना से ठीक पहले वह परिवार के साथ हँसी-मजाक कर रहा था। उसके इस कदम से पूरा परिवार सदमे में है क्योंकि आत्महत्या का कोई स्पष्ट कारण समझ नहीं आ सका।

केस 2: बरुआसागर के निवेन्द्र ने भी लगाई फांसी

बरुआसागर के हनुमान खरका क्षेत्र के निवासी 19 वर्षीय निवेन्द्र कुशवाहा ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दो दिन पहले ही उसके घर पर कार्यक्रम आयोजित हुआ था और वह पूरी तरह खुश नजर आ रहा था। उसके पिता अभी तक यही सोचकर टूटे हुए हैं कि आखिर उनके बेटे को कौन सी ऐसी परेशानी थी जो उसने किसी से साझा नहीं की और यह कठोर कदम उठा लिया।

युवा मानसिकता पर सवाल

इन सभी घटनाओं से एक ही बात सामने आती है कि युवा पीढ़ी मानसिक तनाव और आंतरिक द्वंद्व से जूझ रही है, जिसे समाज नजरअंदाज कर रहा है। आज आवश्यकता है एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था की, जहाँ युवाओं को अपनी भावनाएं खुलकर व्यक्त करने का अवसर मिले और उन्हें भावनात्मक सहारा मिल सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copy link