
झाँसी: उत्तर प्रदेश के झाँसी रेंज में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की तलाश में पुलिस ने एक व्यापक अभियान छेड़ दिया है। झाँसी, ललितपुर और जालौन जिलों में 12 से अधिक ऐसी बस्तियों को चिन्हित किया गया है, जहाँ इन घुसपैठियों के छिपे होने की आशंका है। सुरक्षा के मद्देनजर, पुलिस ने भेष बदलकर निगरानी शुरू कर दी है और घुमक्कड़ जाति के लोगों की गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
अभियान की पृष्ठभूमि: काफी समय से संदिग्ध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के मुद्दे पर बहस चल रही है। हालांकि, झाँसी रेंज के किसी भी जिले में अभी तक किसी बांग्लादेशी के रहने की पुष्टि नहीं हुई है, फिर भी एडीजी के निर्देश पर यह अभियान शुरू किया गया है। डीआईजी केशव चौधरी ने तीनों जिलों की पुलिस को जांच के निर्देश दिए हैं और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
जांच का तरीका और संदिग्धों की पहचान: अधिकारियों के अनुसार, इस बार का अभियान काफी विस्तृत है। पुलिस अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोगों की पहचान कर रही है, जिनकी बोली स्थानीय लोगों से भिन्न है। संदिग्ध पाए जाने वाले व्यक्तियों के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों की गंभीरता से जांच की जाएगी। इन लोगों का डेटा तैयार किया जाएगा ताकि भविष्य में भी उन पर नज़र रखी जा सके।
मजदूर और कारीगर भी रडार पर: इस अभियान में केवल झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले ही नहीं, बल्कि तीनों जिलों में बाहर से आकर काम कर रहे मजदूर और कारीगर भी पुलिस के निशाने पर हैं। इनके दस्तावेजों की भी गहनता से जांच की जा रही है।
आम जनता से सहयोग की अपील: पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि वे अपने आसपास किसी भी संदिग्ध व्यक्ति, खासकर जिनकी भाषा अलग हो, की जानकारी पुलिस को दें। कई बाहरी लोग झाँसी, ललितपुर और जालौन में किराये पर रह रहे हैं और ऐसे लोगों की सूचना पुलिस को देने से समय रहते कार्रवाई की जा सकेगी। झाँसी, ललितपुर और जालौन पुलिस इस संवेदनशील मामले पर लगातार काम कर रही है।
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