झांसी में यूपीडीआईसी बना रहा है रक्षा उत्पादन का बड़ा केंद्र
उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) के तहत झांसी तेजी से रक्षा उत्पादन का केंद्र बनता जा रहा है। अब तक झांसी ने 8,100 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं। यह निवेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
कंपनियां जो झांसी में करेंगी निवेश
झांसी में कई प्रतिष्ठित कंपनियां अपनी यूनिट स्थापित करने जा रही हैं। इनमें शामिल हैं:
- कल्याणी डेफटेक एलएलपी: ड्रोन और पहचान प्रणालियों का निर्माण।
- स्पेसफील्ड प्राइवेट लिमिटेड: ठोस प्रणोदक उत्पादन।
- ग्लोबल टेक्नोक्रेट्स प्राइवेट लिमिटेड: मानव रहित जमीनी वाहन और दहनशील कारतूस निर्माण।
- सेकिंगटन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड: 120 करोड़ रुपये का निवेश।
- शान आर्म्स इंडस्ट्रीज: 100 करोड़ रुपये की लागत से हथियार निर्माण।
रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य
झांसी में 1,087 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की गई है, जिसमें 415.59 हेक्टेयर को रक्षा इकाइयों के लिए आवंटित किया गया है।
- भारत डाइनामिक्स लिमिटेड: मिसाइल और रक्षा उपकरण के लिए 400 करोड़ रुपये का निवेश।
- फेरेटेरो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड: एयरक्राफ्ट अरेस्टर बैरियर नेट्स के लिए 350 करोड़ रुपये।
- पावक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड: 460 करोड़ रुपये में हथियार और गोला-बारूद के साथ टेस्ट फायरिंग रेंज।
आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था” लक्ष्य के तहत झांसी नोड न केवल बुंदेलखंड क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी अहम योगदान दे रहा है।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी (इन्वेस्ट यूपी), अभिषेक प्रकाश का कहना है:
“झांसी नोड उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर क्षेत्रीय आर्थिक विकास और भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को साकार कर रहा है।”