उच्च न्यायालय व जिला न्यायालयों में न्यायाधीशों के खाली पदों को भरने की बतायी जरूरत
झाँसी : उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने आज यहाँ कहा कि आज न्यायिक व्यवस्था लम्बी जटिल और महँगी हो गयी है। न्यायालयों में बड़ी संख्या में मामले लम्बित हैं। इस वजह से लोगों को समय से न्याय नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने उच्च न्यायालय व जिला न्यायालयों में खाली पदों को भरने के लिए उचित व्यवस्था बनाए जाने पर जोर दिया। वह बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के गाँधी सभागार जगजीवन राम विधि संस्थान के तत्वावधान संगोष्ठी का सम्बोधित कर रहे थे। न्यायाधीश अनीश कुमार गुप्ता ने न्यायालयों लम्बित मामलों पर चिन्ता जताते हुए कहा कि देश में 25 हाईकोर्ट हैं। इनमें बड़ी संख्या में पद खाली हैं। उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट में ही न्यायाधीशों के पचास फीसदी पद खाली हैं, तो जिला न्यायालयों में भी बड़ी संख्या में पद खाली हैं।
मगर सरकारों और न्याय पालिका के शीर्ष लोगों में इस तथ्य को लेकर बड़ी चिन्ता नहीं दिखती है। पहले हर व्यक्ति को उसके दरवाजे पर ही न्याय उपलब्ध होता था। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि कार्य पालिका सदैव यही चाहती है कि न्याय पालिका बहुत प्रभावी और सक्रिय न रहे न्याय पालिका की सक्रियता हमेशा कार्य पालिका को अखरती है। न्यायमूर्ति ने न्यायालयों के संचालन के लिए समुचित संसाधन उपलब्ध न होने पर भी चिन्ता जतायी। उन्होंने झूठे मुकदमे दर्ज कराने की प्रवृत्ति में बढ़ोतरी होने पर भी चिन्ता जतायी न्यायामूर्ति ने कहा कि भारतीय सम्विधान की आत्मा उसकी प्रवेशिका है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को सम्विधान को समझने के लिए डॉ भीमराव अम्बेडकर के भाषण को सुनना चाहिए। हम सबको जाति व्यवस्था से बाहर निकलने के उपायों पर चिन्तन करना होगा,तभी सम्विधान का पालन ठीक से किया जा सकेगा। पहले समाज में पलायन नहीं होता था, लोग जीविकोपार्जन के लिए अलग- अलग व्यवसाय करते थे। उसी को जाति व्यवस्था का नाम दे दिया गया जिस दिन हम व्यवसाय के आधार पर अपनी पहचान बताएंगे, तब सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। यदि सभी लोग अपने धर्म का ठीक से पालन करने लगें, तो हमें न्यायालय और न्याय व्यवस्था की जरूरत नहीं पड़ेगी।