झाँसी में विधानसभा अध्यक्ष धर्मेंद्र बाल्मीकि ने खुद ही रची अपहरण की कहानी

झाँसी में धर्मेंद्र बाल्मीकि ने रची खुद के अपहरण की झूठी कहानी, पुलिस ने किया पर्दाफाश

झाँसी: झाँसी में आजाद समाज पार्टी (भीम आर्मी) के विधानसभा अध्यक्ष धर्मेंद्र बाल्मीकि के अपहरण में नया मोड़ सामने आया है। असल में, धर्मेंद्र ने खुद ही अपने अपहरण की झूठी कहानी बनाई थी। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि धर्मेंद्र ने घर की रकम चुकाने के लिए अपने पिता से पैसे ऐंठने की कोशिश की थी।

धर्मेंद्र ने आज सुबह घर से मॉर्निंग वॉक की बात कहकर निकला और बांदा में छुप गया। फिर उसने अपने पिता को मैसेज भेजकर अपहरण का दावा किया और 5 लाख रुपये की मांग की। इसके बाद पिता ने पुलिस को सूचित किया और पुलिस ने एक्टिव होकर धर्मेंद्र को बांदा से बरामद किया। पूछताछ में उसने पूरी सच्चाई बताई।

अपहरण की झूठी कहानी का पर्दाफाश

धर्मेंद्र कुमार, जो मोंठ के मोहल्ला बड़ापुरा का निवासी है, रोजाना की तरह गुरुवार सुबह करीब 5:30 बजे मॉर्निंग वॉक पर गया था। इसके बाद वह वापस घर नहीं लौटा। इसके कुछ देर बाद, उसके मोबाइल से उसके पिता के पास एक वॉट्सऐप मैसेज आया, जिसमें लिखा था कि उसका अपहरण हो गया है और 5 लाख रुपये की मांग की गई थी।

इस खबर के बाद घर में दहशत का माहौल पैदा हो गया और परिवार ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए धर्मेंद्र को बांदा से बरामद किया। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि धर्मेंद्र ने खुद ही अपहरण की झूठी कहानी बनाई थी।

पैसे की जरूरत थी, इसलिए बनाई झूठी कहानी

एसपी ग्रामीण गोपीनाथ सोनी के अनुसार, धर्मेंद्र ने बताया कि वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ शिवाजी नगर, झाँसी में शिफ्ट होना चाहता था और इसके लिए उसे एक घर खरीदने के लिए 6 लाख रुपये की जरूरत थी। दो साल पहले उसने मंगल कुशवाहा से एक घर खरीदा था, और उस घर का एग्रीमेंट मार्च 2025 में समाप्त होने वाला था। उसे एग्रीमेंट के तहत 6 लाख रुपये देने थे। यही कारण था कि धर्मेंद्र ने 5 लाख रुपये की मांग करने के लिए यह झूठा अपहरण कांड रचा।

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