June 16, 2025 8:13 am

झांसी: मेडिकल कॉलेज में भर्ती वृद्ध ने बाथरूम में फांसी लगाकर की आत्महत्या

झांसी मेडिकल कॉलेज आत्महत्या

झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती वृद्ध ने बाथरूम में लगाई फांसी, मौतझांसी मेडिकल कॉलेज आत्महत्या

झांसी: झांसी मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन 66 वर्षीय वृद्ध ने बाथरूम में गमछे के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह टीबी से लंबे समय से पीड़ित थे और छह दिन पहले ही भर्ती हुए थे। घटना के बाद अस्पताल प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है, जबकि अस्पताल प्रशासन ने इन आरोपों को निराधार बताया है।

टीबी से पीड़ित थे वृद्ध, 6 दिन पहले हुए थे भर्ती

हमीरपुर जिले के मझगवां थाना क्षेत्र के ग्राम नौरंगा निवासी लाखन (66) पुत्र शिवसहाय पिछले डेढ़ साल से टीबी (तपेदिक) की बीमारी से जूझ रहे थे। परिजनों ने 24 फरवरी को उन्हें झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था, जहां उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए वॉर्ड 8 (आईसीयू) में रखा गया था। डॉक्टरों ने जांच में उनके सीने और दिल में गंभीर संक्रमण की पुष्टि की थी।

इलाज शुरू होने के बाद उनकी स्थिति में कुछ सुधार हुआ, जिसके बाद उन्हें वॉर्ड 7 में शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन 6 दिन बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली, जिससे परिवार सदमे में है।

बाथरूम में चौखट से लटका मिला शव

परिजनों के अनुसार, शुक्रवार दोपहर खाना खाने के बाद लाखन सो गए थे, जबकि रिश्तेदार और अन्य लोग वार्ड से बाहर चले गए। शाम 6:30 बजे अचानक अस्पताल में शोर मच गया कि किसी ने वॉर्ड 7 के बाथरूम में फांसी लगा ली है।

परिजन दौड़कर पहुंचे तो देखा कि लाखन का शव बाथरूम की चौखट से गमछे के सहारे लटका हुआ था। उन्होंने तुरंत अस्पताल प्रशासन और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

परिजनों ने लगाए इलाज में लापरवाही के आरोप

लाखन के रिश्तेदार रामकुमार ने आरोप लगाया कि अगर सही इलाज होता तो लाखन सिंह ऐसा आत्मघाती कदम नहीं उठाते। परिजनों का कहना है कि मरीज की हालत गंभीर थी, फिर भी उसे आईसीयू से शिफ्ट कर दिया गया, जिससे वह तनाव में आ गए थे।

अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को किया खारिज

मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. सचिन माहुर ने इन आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि वॉर्ड 8 में गंभीर मरीजों का इलाज होता है और हालत में सुधार होने पर उन्हें वॉर्ड 7 में शिफ्ट कर दिया जाता है। इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई थी। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

निष्कर्ष:

झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई यह आत्महत्या कई सवाल खड़े करती है। परिजनों के आरोपों की जांच जरूरी है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। फिलहाल पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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