नर्सिंग विद्यार्थियों को विदेश में मिलेगा नौकरी का अवसर, सरकार उठाएगी खर्च
झाँसी जिले के नर्सिंग डिग्री धारक युवाओं के लिए एक शानदार अवसर सामने आया है। जर्मनी, जापान और इस्राइल में 5,000 नर्सिंग स्टाफ की आवश्यकता है। इस अवसर का लाभ उठाने के लिए नर्सिंग के विद्यार्थियों को रोजगार संगम पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। आवेदन की तिथि भी निर्धारित कर दी गई है, और इस प्रक्रिया में सरकार नर्सिंग विद्यार्थियों के विदेश यात्रा का खर्च भी उठाएगी।
रोजगार संगम पोर्टल पर आवेदन की प्रक्रिया
जर्मनी और जापान के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 24 जनवरी है, जबकि इस्राइल के लिए 31 जनवरी तक आवेदन किया जा सकता है। युवाओं को विदेश में काम करने के लिए लाखों रुपये का वेतन मिलेगा। यह एक बड़ा मौका है, खासकर उन नर्सिंग विद्यार्थियों के लिए जो विदेशों में काम करने का सपना देख रहे हैं।
विदेशों में नौकरी पाने का अवसर
सरकार और विदेशी अस्पतालों के बीच एमओयू होने से नर्सिंग स्टाफ को नौकरी खोने का डर नहीं रहेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिन नर्सों को विदेश भेजा जाएगा, वे कितने समय के लिए काम करेंगी और अगर उन्हें कोई समस्या आती है तो सरकारी तंत्र पूरी तरह से सक्रिय रहेगा।
भाषा प्रशिक्षण भी मिलेगा
जिन देशों में नर्सिंग स्टाफ भेजा जाएगा, वहाँ की स्थानीय भाषा का प्रशिक्षण नर्सिंग विद्यार्थियों को दिया जाएगा। इसके अलावा, अंग्रेजी भाषा का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे विदेशों में बेहतर तरीके से काम कर सकें।
चयन की प्रक्रिया और प्रशिक्षण
रोजगार संगम पोर्टल पर पंजीकरण के बाद, चयन प्रक्रिया शुरू होगी। नैशनल स्किल डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन (NSDC) उम्मीदवारों को भाषा प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इसके बाद, योग्य नर्सिंग विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें विदेश भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
विदेश जाने का खर्च उठाएगी सरकार
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वह विदेश जाने वाले नर्सिंग विद्यार्थियों का खर्च उठाएगी। यह कदम विशेष रूप से गरीब छात्रों के लिए एक बड़ा सहारा साबित होगा। नर्सिंग डिग्री धारक युवाओं को इस अवसर का फायदा उठाने के लिए रोजगार संगम पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।
नर्सिंग विद्यार्थियों के लिए बेहतरीन अवसर
यह योजना उन युवाओं के लिए एक बेहतरीन अवसर है जो नर्सिंग की डिग्री प्राप्त कर चुके हैं और विदेश में काम करने के इच्छुक हैं। सरकार की इस पहल से न केवल इन युवाओं का रोजगार सुनिश्चित होगा, बल्कि वे विदेशों में अपनी शिक्षा और कौशल का भी बेहतर उपयोग कर सकेंगे।