झाँसी बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण माताटीला बाँध के स्लूस गेट को 42 वर्षों बाद खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। वर्ष 1983 की बाढ़ के बाद से इन गेटों को बंद कर दिया गया था, जिसके कारण बाँध की जलधारण क्षमता में 50 प्रतिशत तक की कमी आ गई है। अब शासन ने 8 विशेषज्ञ अधिकारियों की टीम बनाई है, जो जल्द ही बाँध का सर्वे करेगी और गेट खोलने की प्रक्रिया को समझेगी।
माताटीला बाँध बेतवा नदी पर स्थित है और यह झाँसी व ललितपुर जिलों की जल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है। वर्तमान में इस बाँध से झाँसी महानगर को 105 मिलियन लीटर पानी प्रतिदिन प्राप्त होता है, जबकि शहर की पानी की डिमांड 195 मिलियन लीटर प्रतिदिन है। लेकिन, सिल्ट जमा होने के कारण बाँध की जलधारण क्षमता घटती जा रही है। एक हालिया सर्वे के अनुसार, बाँध में 50 प्रतिशत सिल्ट जमा हो चुका है, जिससे पानी की आपूर्ति में बाधा आ रही है।
गोताखोरों द्वारा गेट की स्थिति का आकलन, आगामी रणनीति पर विचार
विशेषज्ञों की टीम ने गेट खोलने से पहले बाँध के तलहटी की स्थिति का आकलन करने के लिए गोताखोरों को उतारने की योजना बनाई है। ये गोताखोर हाइ क्वॉलिटी कैमरों के साथ गेट की स्थिति का निरीक्षण करेंगे और गेट खोलने के लिए संभावित समाधान तलाशेंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कम से कम पानी व्यर्थ हो और गेट को सुरक्षित तरीके से खोला जा सके।
टीम में प्रमुख अभियंता स्तर के अधिकारी शामिल होंगे, जो बाँध के सर्वे और गेट खोलने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसमें लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद और अयोध्या से विशेषज्ञ अधिकारियों को शामिल किया गया है। यह टीम फरवरी 2025 में बाँध का निरीक्षण करेगी और गेट खोलने की रणनीति पर चर्चा करेगी।