June 7, 2025 10:37 am

झाँसी: उत्तर प्रदेश को मिली पहली AI टीचर ‘सुमन मैडम

AI टीचर

बेसिक स्कूलों में अब ‘सुमन मैडम’ पढ़ाएंगी! प्रदेश की पहली AI टीचर का झांसी में सफल प्रयोग

झाँसी: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अब बच्चे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टीचर ‘सुमन मैडम’ से पढ़ाई कर सकेंगे। इसका पहला सफल प्रयोग जनपद के गुरसराय ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय राजापुर में किया गया है, जहाँ बच्चों को पढ़ाई का यह नया तरीका बेहद पसंद आया है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद ‘सुमन मैडम’ बच्चों के स्वागत की तैयारी में हैं, और अगर यह प्रयोग सफल रहा तो यह पूरे प्रदेश के बच्चों के लिए सीखने का एक नया और आकर्षक तरीका बन सकती हैं।

बच्चे और (AI) टीचर 'सुमन मैडम'
बच्चे और (AI) टीचर ‘सुमन मैडम’

शिक्षक मोहनलाल सुमन का अभिनव प्रयास

इस अनूठे नवाचार के पीछे गुरसराय ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय राजापुर के शिक्षक मोहनलाल सुमन हैं, जो प्रदेश में अपने शैक्षिक नवाचारों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने AI आधारित शिक्षिका ‘सुमन मैडम’ को विकसित किया है, जो छात्रों को गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और भाषा सहित विभिन्न विषयों में मार्गदर्शन दे रही हैं। 20 मई को ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले ‘सुमन मैडम’ का प्रयोग किया गया था, जो पूरी तरह सफल रहा।

मोहनलाल सुमन बताते हैं कि AI टीचर बच्चों के सवालों का तुरंत जवाब देंगी और उनके शैक्षणिक कार्यों में मदद करेंगी। छात्र ‘सुमन मैडम’ से बात करके और सवाल पूछकर रोमांचित हो रहे हैं। ‘सुमन मैडम’ बच्चों को रोचक कहानियाँ, कविताएँ और खेल गतिविधियाँ भी सिखाएंगी, जिससे तकनीक के माध्यम से उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल सकेगी। यह पहल न केवल शिक्षा को मजेदार बनाएगी, बल्कि विद्यार्थियों को भविष्य की उन्नत तकनीकों से भी परिचित कराएगी।

मोहनलाल सुमन: नवाचार और राष्ट्रीय सम्मान की पहचान

शिक्षक मोहनलाल सुमन केवल इस AI टीचर के लिए ही नहीं, बल्कि अपने कई अन्य नवाचारों के लिए भी जाने जाते हैं:

  • चंद्रयान-3 मॉडल: उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता पर इसका मॉडल बनाकर बच्चों को अंतरिक्ष विज्ञान की जानकारी दी थी।
  • डिजिटल शिक्षा को सुलभ बनाना: उन्होंने कम लागत में प्रोजेक्टर और मोबाइल टीवी तैयार कर डिजिटल शिक्षा को सुलभ बनाया और कई सस्ते शैक्षिक उपकरणों का निर्माण किया, जिससे छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान मिल सके।
  • कोविड-19 के दौरान: उन्होंने लगातार 222 दिनों तक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ‘कौन बनेगा लॉकडाउन जीनियस’ प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें देश-विदेश के हजारों बच्चों ने भाग लिया।
  • पुरस्कार विजेता: उन्हें 2022 और 2023 में राज्य स्तरीय कला, शिल्प और कठपुतली प्रतियोगिताओं में लगातार पुरस्कार मिले हैं। कहानी लेखन और शिक्षण सामग्री (TLM) प्रतियोगिता में भी उन्होंने राज्य स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त किया है।

राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित: मोहनलाल सुमन को उनके विभिन्न नवाचारों के लिए कई राष्ट्रीय सम्मान भी प्राप्त हुए हैं:

  • मार्च 2019 में ‘बच्चों के साथ मूर्तिकला निर्माण परियोजना’ के लिए राष्ट्रीय सम्मान।
  • मार्च 2020 में ‘स्वरक्षा प्रशिक्षण’ नवाचार के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार।
  • नवंबर 2020 में ‘लॉकडाउन जीनियस प्रतियोगिता’ के लिए राष्ट्रीय सम्मान।

खंड शिक्षा अधिकारी गुरसराय मनोज कुमार लाक्षाकार ने इस नवाचार को ‘एकदम नया’ बताया है। मोहनलाल सुमन का मानना है कि आज के दौर में बच्चों को आधुनिक तकनीक से जोड़ना बेहद ज़रूरी है, और बेसिक स्कूल में AI जैसी नई तकनीक का सही उपयोग बच्चों के सीखने को और अधिक रोचक व प्रभावी बना सकता है।

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