जस्टिस मनमोहन बने सुप्रीम कोर्ट के नए न्यायाधीश
केंद्र सरकार ने मंगलवार को जस्टिस मनमोहन को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया है। वह वर्तमान में दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। उनका कार्यकाल 16 दिसंबर 2027 तक रहेगा। जस्टिस मनमोहन ने वकालत और न्यायपालिका में एक लंबा और समर्पित योगदान दिया है।
दिल्ली के उपराज्यपाल रह चुके हैं पिता
जस्टिस मनमोहन का जन्म 17 दिसंबर 1962 को दिल्ली में हुआ। वह प्रसिद्ध ब्यूरोक्रेट और कद्दावर नेता दिवंगत जगमोहन के बेटे हैं। उनके पिता दिल्ली के उपराज्यपाल और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रह चुके हैं।
शिक्षा और करियर की शुरुआत
- स्कूली शिक्षा: मॉडर्न स्कूल, बाराखंभा रोड, दिल्ली।
- ग्रेजुएशन: दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से इतिहास में बीए (ऑनर्स)।
- कानून की पढ़ाई: डीयू के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी।
- 1987: दिल्ली बार काउंसिल में वकील के तौर पर पंजीकरण।
प्रोफेशनल करियर
- उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में सिविल, टैक्स, ट्रेडमार्क, और संवैधानिक मामलों में वकालत की।
- 2003 में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें सीनियर एडवोकेट के तौर पर नामित किया।
- 13 मार्च 2008 को दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश बने।
- 29 सितंबर 2024 को उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में योगदान
न्यायमूर्ति मनमोहन को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद जल्द ही उन्हें शपथ दिलाई जाएगी।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- उन्होंने अपने करियर में सिविल, क्रिमिनल, और संवैधानिक मामलों में महारत हासिल की है।
- दिल्ली हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बनने से पहले, उन्होंने कई अहम फैसले सुनाए।