Kesari Chapter 2 Review: जलियांवाला बाग पर बनी फिल्म में इतिहास तो है

Kesari Chapter 2 Review

रिलीज डेट: 18 अप्रैल 2025
प्लेटफॉर्म: सिनेमाघर
कलाकार: अक्षय कुमार, आर. माधवन, अनन्या पांडे, रेजिना कैसेंड्रा, अमित सियाल
निर्देशक: करण सिंह त्यागी
रेटिंग: ⭐⭐☆☆☆ (2.5/5)

🔶 फिल्म की पृष्ठभूमि: जलियांवाला बाग की अनकही गाथा

फिल्म ‘Kesari Chapter 2’ 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग नरसंहार पर आधारित है। निर्देशक करण सिंह त्यागी ने इसे एडवोकेट सी. शंकरन नायर की नजर से दिखाया है, जो इस हत्याकांड के लिए ब्रिटिश अफसर जनरल डायर को अदालत में घसीटते हैं।

हालांकि, फिल्म एक ऐतिहासिक घटना को सामने लाने का प्रयास करती है, लेकिन संवेदनाओं को सही तरीके से पर्दे पर उकेरने में पीछे रह जाती है।

🔸 कहानी का सार: नायक और न्याय की लड़ाई

कहानी की शुरुआत जलियांवाला बाग की भयावह घटना से होती है, जहां जनरल डायर (सिमोन पेस्ले डे) निर्दोष नागरिकों पर गोलियां चलवाता है। इसके बाद भारतीय वकील सी. शंकरन नायर (अक्षय कुमार) इसके खिलाफ न्याय की जंग छेड़ते हैं।

उनका साथ देती हैं वकील दिलरीत गिल (अनन्या पांडे), और अदालत में मुकाबला होता है एंग्लो-इंडियन वकील नेविल मैककिनले (आर. माधवन) से।

हालांकि फिल्म का फोकस अदालत की सुनवाई पर होना चाहिए था, लेकिन पहले हाफ में कहानी इधर-उधर भटकती नजर आती है।

🔶 निर्देशन और स्क्रिप्ट: अधूरा असर

फिल्म की स्क्रिप्ट में रोलेट एक्ट, हंटर कमीशन, और माइकल ओ’डायर जैसे महत्त्वपूर्ण पहलुओं को ठीक से छुआ ही नहीं गया। जनरल डायर की बर्बरता को जिस स्तर पर दिखाया जाना चाहिए था, वह गहराई फिल्म में नहीं मिलती।

शूजित सरकार की “सरदार उधम” जैसी गहराई और संवेदनशीलता की कमी इस फिल्म को पीछे कर देती है।

🔸 अभिनय की बात: क्या जमे अक्षय कुमार?

अक्षय कुमार ने सी. शंकरन नायर की भूमिका निभाने की कोशिश की है, लेकिन उनका शुद्ध हिंदी बोलना किरदार से मेल नहीं खाता। अगर यह भूमिका किसी साउथ इंडियन अभिनेता को दी जाती तो शायद ज्यादा असरदार होती।

आर. माधवन कोर्टरूम ड्रामा में दमदार नजर आते हैं, जबकि अनन्या पांडे ने वकील के रूप में खुद को बेहतर साबित किया है।

मसाबा गुप्ता का क्लब डांस फिल्म की गंभीरता को तोड़ता है, जो अनावश्यक लगता है।


🔶 तकनीकी पक्ष और संगीत

फिल्म में कुछ बेहतरीन कोर्ट रूम सीन और भावनात्मक दृश्य होने चाहिए थे, लेकिन ज्यादातर हिस्सों में वह पकड़ नहीं बन पाती। संगीत पृष्ठभूमि को मजबूत बनाने की कोशिश करता है, लेकिन लेखन की कमजोरी उसे हावी नहीं होने देती।


📝 निष्कर्ष: इतिहास के करीब, लेकिन दिल से दूर

Kesari Chapter 2 एक बेहद संवेदनशील और ऐतिहासिक विषय पर आधारित फिल्म है, लेकिन इसमें भावनात्मक गहराई की कमी है। यदि आप इस विषय पर बनी वेब सीरीज या डॉक्युमेंट्री देख चुके हैं, तो यह फिल्म आपको वैसा प्रभाव नहीं दे पाएगी।


🔍 FAQs

Q. क्या केसरी चैप्टर 2 देखने लायक है?
अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं और अदालती ड्रामा पसंद करते हैं, तो एक बार जरूर देख सकते हैं, लेकिन ज्यादा उम्मीद न रखें।

Q. फिल्म किस किताब पर आधारित है?
यह फिल्म “The Case That Shook The Empire” किताब पर आधारित है।

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