महाकुंभ मेला भगदड़: प्रशासन ने उठाए कड़े कदम
महाकुंभ मेला में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 90 लोग घायल हुए। यह दुखद घटना संगम के पास हुई, जिसके बाद मेला प्रशासन ने गंभीरता से व्यवस्था सुधारने के उपाय किए हैं। अब मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है और सभी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
30 श्रद्धालुओं की मौत, 90 घायल; जांच जारी
जांच के बाद प्रशासन ने सुरक्षा इंतजामों को मजबूत करने के लिए सात नए अफसरों की तैनाती की है। इसमें पावर कारपोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल, आईएएस भानुचंद्र गोस्वामी, और आशुतोष द्विवेदी जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। इन अधिकारियों की जिम्मेदारी मेला क्षेत्र में सुरक्षा और व्यवस्था की निगरानी करना होगी।
मेला क्षेत्र नो-व्हीकल जोन घोषित
पुलिस प्रशासन ने वीवीआईपी, मीडिया और अन्य वाहनों के पास रद्द कर दिए हैं, ताकि व्यवस्था में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो। यहां तक कि आवश्यक सेवा के वाहनों के भी पास निरस्त कर दिए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप, मेला क्षेत्र से 20 किलोमीटर दूर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं और श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं।
प्रशासन ने वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया
महाकुंभ मेला प्रशासन ने यह भी घोषणा की है कि चार फरवरी तक चार पहिया वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सुरक्षा उपायों का पालन करें और किसी भी अव्यवस्था से बचने में सहयोग करें।
आवश्यक वस्तु के वाहनों के प्रवेश पर भी रोक:
महाकुंभ मेला प्रशासन ने दूध, खाद्य पदार्थ और मेडिकल उपकरण जैसी आवश्यक वस्तुओं के वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। इससे मेला क्षेत्र में भोजन और अन्य जरूरी सामान की कीमतों में वृद्धि हो गई है, जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है।