झाँसी के बिजौली में 26 मकानों पर नोटिस

झाँसी के बिजौली में 26 मकानों पर नगर निगम ने चस्पा किए नोटिस, ध्वस्तीकरण की चेतावनी

झाँसी, बिजौली: झाँसी के बिजौली क्षेत्र में 25 वर्षों से रह रहे 26 परिवारों के मकानों पर नगर निगम द्वारा नोटिस चस्पा किए गए हैं। इन नोटिस में आरोप लगाया गया है कि ये मकान सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने हैं। नगर निगम ने इन परिवारों को 15 दिन का समय दिया है, जिसमें वे या तो अपना पक्ष प्रस्तुत करें या फिर अवैध निर्माण हटाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

क्या है मामला?

नगर निगम का कहना है कि जिन मकान मालिकों को नोटिस भेजे गए हैं, वे सरकारी भूमि पर कब्जा किए हुए हैं। यह भूमि आराजी संख्या 1200 के रकबा नम्बर 6.191 हेक्टेयर के अंतर्गत आती है और राज्य सरकार की संपत्ति मानी जाती है। यह भूमि नगर निगम के प्रबंधन में है। नगर निगम ने 15 दिन का अल्टिमेटम देते हुए कहा कि अगर यह मकान अवैध हैं, तो इन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

हालांकि, स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि जब यह भूमि ग्राम सभा के पास थी, तब उन्हें पट्टे पर यह जमीन दी गई थी, और तब से वे यहाँ पर रह रहे हैं।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:

इन मकान मालिकों का कहना है कि उन्होंने अपने मकान ग्राम सभा से मिली अनुमति के बाद ही बनाए थे। वे यह भी दावा कर रहे हैं कि वे यहाँ दो से ढाई दशकों से रह रहे हैं, और अब अचानक से उन्हें नोटिस मिलने पर वे असमंजस में हैं। कुछ लोग न्याय की मांग को लेकर स्थानीय अधिकारियों के पास भी पहुँच रहे हैं।

नगर निगम का क्या कहना है?

नगर निगम के सहायक आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि यह जमीन सरकारी है और कई बार इस पर अवैध निर्माण की शिकायतें आई थीं। यदि किसी के पास जमीन से संबंधित कोई कानूनी दस्तावेज हैं, तो वह उन्हें नगर निगम कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं। गौरव कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि 15 दिन का समय दिया गया है, जिसके बाद यदि कोई समाधान नहीं निकला, तो निर्माण हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

निष्कर्ष:

यह मामला अब राजनैतिक विवाद का रूप भी ले सकता है, क्योंकि स्थानीय लोग इसे सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का मामला नहीं मानते। नगर निगम और स्थानीय निवासियों के बीच यह विवाद अब एक नया मोड़ ले सकता है, और सभी की नजरें इस पर बनी हुई हैं कि अगले कुछ दिनों में क्या समाधान निकलता है।

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