झाँसी : रेलकर्मियों के लिए पुरानी पेन्शन होगा मुद्दा, रिटायर्ड रेलकर्मियों ने भी बुलन्द की माँग

● मान्यता के चुनाव में रेल यूनियन ने ताकत दिखाने की कर ली तैयारी

• झाँसी मण्डल के 22 हजार रेलकर्मियों को रिझाने में जुटे हैं पदाधिकारी

झाँसी : रेल यूनियन की मान्यता के लिए 11 वर्ष बाद होने जा रहे चुनाव में इस बार भी पुरानी पेंशन बड़ा मुद्दा बन सकता है। रेलकर्मियों की माँग को देखते हुये यूनियन भी उनकी हाँ में हाँ मिला रही है। चुनाव में झाँसी मण्डल के रेलकर्मी सबसे अहम भूमिका निभाएंगे, यहाँ उनकी संख्या सबसे अधिक है। इससे पहले वर्ष 2013 में चुनाव हुए थे, जिसमें एनसीआरएमयू और एनसीआरइएस को मान्यता मिली थी। रेल यूनियन के चुनाव में पुरानी पेंशन का मुद्दा गर्माने लगा है। चुनाव से पहले यूनियन ने भी इस मुद्दे को तेजी के साथ छेड़ दिया है। जो यूनियन मान्यता में नहीं है, वह भी पुरानी पेंशन दिलाने वालों के साथ समर्थन में ताल ठोक कर रहे हैं। सभी एक स्वर में कह रहे हैं कि पुरानी पेंशन के अलावा कुछ भी स्वीकार्य नहीं। रेलकर्मी भी पुरानी पेंशन को लेकर रेलकर्मियों से एकजुट रहने का आह्वान कर रहे हैं। वहीं, रेलवे से रिटायर्ड रेलकर्मी भी पुरानी पेंशन की माँग उठा रहे हैं। उनका कहना है कि रेलकर्मी भी इसी एक बड़े मुद्दे को लेकर वोट करें रिटायर्ड रेलकर्मी सोशल मीडिया से भी अपनी बात को रख रहे हैं

यह बोले रेल कर्मचारी

• रिटायर्ड रेलकर्मी एसएस खरे ने कहा- “कर्मचारी खुद तय करें कि उनको क्या बेहतर चुनना है। रिटायर्ड होने के बाद रेलकर्मी के लिये जीवन यापन करने का सबसे बड़ा सहारा पेंशन का है। यदि उनको पेंशन नहीं मिली तो आगे चलकर दिक्कत हो सकती है। ऐसे में वह यह जरूर तय करें कि कौन उनके हक के लिये संघर्ष कर रहा है।

• रिटायर्ड रेलकर्मी एसके श्रीवास्तव का कहना था- कर्मचारियों की सबसे बड़ी माँग पुरानी पेंशन बहाली है। ऐसे में रेलकर्मी यह अवश्य देखें कि कौन-सी यूनियन पुरानी पेंशन की माँग को बुलन्द कर रही है। रेलकर्मी एक होकर अपनी बड़ी माँग को लेकर सम्बन्धित यूनियन को वोट दें। अब तक का यही सबसे बड़ा मुद्दा है।

• यूएमआरकेएस के मण्डल मन्त्री एके शुक्ला ने कहा-“सरकार पुरानी पेंशन को बहाल कर देश के करोड़ों कर्मचारियों भविष्य को सुरक्षित कर उनके सपनों को साकार करे। सरकार का रवैया कर्मचारियों के लिये उदासीन बना हुआ है। रेल यूनियन के चुनाव में रेलकर्मियों को हमारी यूनियन जागरूक करने का काम कर रही है। यूनियन भी रेलकर्मियों के हर मुद्दे पर लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।

• स्वतन्त्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन के उपाध्यक्ष अजीम खान ने कहा– पुरानी पेंशन हमारा हक है। इसे दिलाकर ही दम लिया जायेगा। भारतीय रेल को बुलन्दियों पर पहुँचाने वाले रेलकर्मियों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। उनका हक दिलाने के लिये आर-पार की लड़ाई लड़ने को हमारी यूनियन तैयार है। सरकार को कर्मचारियों को हित में पुरानी पेंशन योजना लागू करनी चाहिये, क्योंकि रिटायर्ड होने के बाद यही एक मात्र सहारा है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copy link