झाँसी: सरकारी विद्यालयों पर एक साथ पडे छापे, कई शिक्षक मिले गायब

• बीएसए ने सुबह गठित की टीम 50 से अधिक विद्यालयों में की गई जाँच

• मऊरानीपुर के इटायल कछियान का प्राथमिक विद्यालय मिला बन्द, कई शिक्षक भी मिले अनुपस्थित

झाँसी : सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति और शैक्षिक गुणवत्ता की जाँच के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश पर आज अचानक छापामार कार्यवाही की गई। सुबह-सुबह टीम बनाकर स्कूल आवंटित किए गए और जाँच कराई गई। इस दौरान मऊरानीपुर के कछियान स्थित प्राथमिक विद्यालय बन्द मिला तो कई शिक्षक गैरहाजिर पाए गए। कुछ स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता का बुरा हाल मिला तो कई स्कूल ही जाँच टीम ढूँढ़ नहीं पाई। बेसिक स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता और शिक्षकों की सक्रियता जाँचने के लिए जिला बेसिक शिक्षा ने अधिकारी विपुल शिव सागर आज अचानक छापामार कार्यवाही कराई। उन्होंने कई टीमों का गठन कर स्कूलों की सूची थमा दी। इस दौरान मऊरानीपुर के स्कूलों की जाँच के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी बड़ागाँव उपेन्द्र कुमार व बामौर एसपी यादव को भेजा, जबकि बबीना में जिला समन्वयक राघवेन्द्र सिंह, अनुज कुमार, बड़ागाँव में खण्ड शिक्षा अधिकारी चिरगाँव प्रियंका चौधरी, चिरगाँव ब्लॉक में खण्ड शिक्षा अधिकारी मोठ वेद प्रकाश सिंह, गुरसराय में खण्ड शिक्षा अधिकारी गुरसराय मनोज लाक्षाकार, बंगरा ब्लॉक में खण्ड शिक्षा अधिकारी मऊरानीपुर शंकर दयाल नामदेव, जिला समन्वयक रत्नेश त्रिपाठी तथा मोठब्लॉक में एआरपी द्वारा जाँच की गई। टीमों को चिह्नित स्कूलों की सूची थमा दी गई।
जाँच में प्राथमिक विद्यालय कछियान, मऊरानीपुर प्रातः 10 बजे बन्द मिला कम्पोजिट विद्यालय नई बसरिया मऊरानीपुर में 2 शिक्षा मित्र अनुपस्थित मिले। गुरसराय में 1 शिक्षा मित्र व अनुदेशक अनुपस्थित मिले तो टोड़ीफतेहपुर में 2 शिक्षक गायब थे। कम्पोजिट विद्यालय नई डेली पाली बबीना में अनेक।अनियमितता सामने आई। नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय शारदा सदन में 1 शिक्षा मित्र अनुपस्थपित मिले तो शैक्षिक गुणवत्ता निम्न दर्जे की पाई गई। बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा रिपोर्ट मिलने के बाद सभी गैर हाजिर शिक्षकों से जबाव तलब किया जाएगा।

एमडीएम में मिली गड़बड़ी

जाँच के दौरान बड़ागाँव ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय लकारा व कम्पोजिट विद्यालय दिगारा और पालर में एमडीएम (मिड डे मील) में गड़बड़ी पाई गई। यहाँ छात्र संख्या अधिक अंकित की गई थी, जबकि बच्चे कम थे । इन तीनों स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता भी खराब मिली।

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