किशोरी के अपहरण से खुला संगठित अपराध का पर्दा
कानपुर की एक 16 वर्षीय किशोरी के अगवा होने और बाद में राजस्थान के सीकर में बरामद होने के बाद, जयपुर में एक बड़े मानव तस्करी रैकेट का खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया कि यह रैकेट समाजसेवा के नाम पर चल रही संस्था के माध्यम से पिछले 11 वर्षों से सक्रिय था।
गायत्री फाउंडेशन की संचालिका निकली मुख्य आरोपित
राजस्थान के जयपुर स्थित अंखुरिया इलाके में “गायत्री सर्व समाज फाउंडेशन” नामक संस्था चलाने वाली गायत्री नाम की महिला इस पूरे नेटवर्क की मास्टरमाइंड निकली। वह अब तक लगभग 15,000 लड़कियों को सामूहिक विवाह के नाम पर बेच चुकी है।
ढाई लाख में बेची गई किशोरी, विवाह का झांसा देकर फंसाया गया
पीड़िता को उसके पड़ोसी सौरभ मिश्रा और उसकी दो महिला साथियों द्वारा 29 मार्च को अगवा किया गया था। बेहोशी की हालत में उसे जयपुर लाकर गायत्री के फार्महाउस पर पहुंचाया गया, जहां उसे दोबारा नशीला पदार्थ खिलाकर सीकर भेजा गया। वहां बताया गया कि उसकी शादी एक युवक नरोत्तम से करवा दी गई है।
खरीद-फरोख्त का खुलासा: 1.30 लाख में खरीदी, 2.5 लाख में बेची
किशोरी की धमकी के बाद जब उसे वापस फार्महाउस लाया गया, तब गायत्री और नरोत्तम के बीच पैसों को लेकर विवाद हुआ। इसी दौरान खुलासा हुआ कि सौरभ ने उसे 1.30 लाख रुपये में गायत्री को बेचा था, और गायत्री ने उसे नरोत्तम को ढाई लाख रुपये में बेच दिया था।
पुलिस जांच जारी, शादियों के नाम पर धंधा
एसीपी चित्रांशु गौतम के अनुसार, अब तक इस गिरोह द्वारा 15,000 से अधिक फर्जी शादियों के जरिए लड़कियों की खरीद-फरोख्त की जा चुकी है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इनमें से कितनी शादियां वास्तव में मानव तस्करी का हिस्सा थीं।
मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराध अब समाजसेवा की आड़ में हो रहे हैं। इस मामले ने न केवल कानून व्यवस्था बल्कि सामाजिक ताने-बाने पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।