बिजली कर्मचारियों की हड़ताल: पीडब्लूडी तैयार करेगा आपूर्ति का प्लान
झाँसी: उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने की योजना ने विद्युत विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों में हलचल मचा दी है। निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी यूनियन हड़ताल की रणनीति बना रही है। सरकार ने हड़ताल की स्थिति में बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) को कमान सौंपने का फैसला किया है।
यूपीपीसीएल के चेयरमैन ने पीडब्लूडी के सचिव को पत्र लिखकर बिजली आपूर्ति प्रबंधन के लिए स्टाफ की मांग की है।
निजीकरण पर विवाद और सरकारी तैयारी
सरकार का मानना है कि निजी कंपनियों के प्रबंधन से बिजली आपूर्ति में सुधार होगा। इसके तहत यूपीपीसीएल की कई वितरण इकाइयों को निजी कंपनियों को सौंपने की प्रक्रिया जारी है।
वहीं, बिजली विभाग के कर्मचारी इस कदम का विरोध कर रहे हैं। यूनियन के नेताओं ने सरकार से अपील की है कि निजीकरण से कर्मचारियों के मनोबल पर असर पड़ेगा और छंटनी की आशंका बढ़ जाएगी।
पीडब्लूडी को कैसे सौंपी जाएगी जिम्मेदारी?
यूपीपीसीएल के चेयरमैन ने अपने पत्र में बताया कि लोक निर्माण विभाग के पास पहले से ही विद्युत खंड मौजूद हैं। हड़ताल की स्थिति में इन्हीं खंडों के कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा।
निजीकरण के विरोध में मुखर यूनियन
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बैठक कर कहा कि बिजली विभाग के निजीकरण से कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है।
संघर्ष समिति के नेता सत्येदव पाठक और मोहम्मद मेहताब ने आरोप लगाया कि निजीकरण के बाद कर्मचारियों की छंटनी अपरिहार्य हो जाएगी।
उन्होंने सरकार से अपील की है कि निजीकरण के बजाय विभाग के घाटे को कम करने के लिए अन्य उपाय किए जाएं।
सरकार का पक्ष
सरकार का कहना है कि निजीकरण के बाद उपभोक्ताओं को बेहतर और निर्बाध बिजली आपूर्ति मिलेगी