
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) के धरती पर लौटने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। स्पेसएक्स का क्रू-10 मिशन हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर सफलतापूर्वक डॉक कर गया है, जिससे उनकी वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
284 दिनों तक अंतरिक्ष में रहीं फंसी
सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर जून 2024 में 8 दिनों के मिशन पर स्पेस में गए थे। लेकिन तकनीकी खराबी के कारण यह मिशन लंबा खिंच गया, और दोनों अंतरिक्ष में 284 दिनों तक फंसे रहे। अब जब क्रू-10 मिशन अंतरिक्ष स्टेशन पहुंच चुका है, तो जल्द ही वे धरती पर लौट सकते हैं।
अंतरिक्ष में लंबा समय बिताने से शरीर पर कई प्रभाव पड़ते हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. हड्डियों और मांसपेशियों पर असर
✅ ग्रैविटी की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं।
✅ वैज्ञानिकों के अनुसार, एक महीने में 1-2% बोन मास कम हो सकता है।
2. चेहरे की सूजन और शरीर का पतलापन
✅ माइक्रोग्रैविटी के कारण शरीर के तरल पदार्थ ऊपर चले जाते हैं, जिससे चेहरा सूजा हुआ लगता है।
✅ हालांकि, सुनीता विलियम्स ने बताया कि उनका वजन पहले जितना ही है, लेकिन कम ग्रैविटी की वजह से शरीर पतला दिखता है।
3. रेडिएशन का खतरा
✅ पृथ्वी का वायुमंडल और मैग्नेटिक फील्ड हमें खतरनाक विकिरण (Radiation) से बचाते हैं, लेकिन अंतरिक्ष में यह सुरक्षा नहीं मिलती।
✅ ज्यादा रेडिएशन से डीएनए को नुकसान, कैंसर का खतरा, और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
4. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
✅ लंबे समय तक अकेले रहना मानसिक तनाव, डिप्रेशन और चिंता को बढ़ा सकता है।
✅ इसलिए, लौटने के बाद सुनीता विलियम्स को साइकोलॉजिकल थेरेपी से गुजरना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
284 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद सुनीता विलियम्स की वापसी आसान नहीं होगी। उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होने के लिए विशेष चिकित्सा और थेरेपी की जरूरत होगी। लेकिन उनकी वापसी विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
 
								 
								 
															




