झाँसी में बायो ऊर्जा से किसानों की आय में बढ़ोतरी की योजना
उत्तर प्रदेश के झाँसी जिले में अब किसानों को गोबर से फायदा होगा। जिले में बायो गैस, बायो डीजल, और बायो एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए बायो ऊर्जा इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। इसके माध्यम से न केवल बिजली का उत्पादन होगा, बल्कि इससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। हर तहसील में एक बायो ऊर्जा इकाई स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें किसानों को अनुदान भी मिलेगा।
PM सूर्यघर योजना के तहत मुफ्त बिजली
जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने भी पीएम सूर्यघर योजना के तहत बिजली बिल में असमर्थ गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली देने का निर्देश दिया। अब तक जिले में 17,168 लाभार्थियों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें से 1,880 को सोलर पैनल लगाए गए हैं।
बायो ऊर्जा से जुड़ी योजनाओं के तहत अनुदान
कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन संयंत्र के लिए 5 लाख रुपये प्रति टन, बायोकोल उत्पादन संयंत्रों के लिए 5 हजार रुपये प्रति टन और बायो डीजल उत्पादन संयंत्रों के लिए 3 लाख रुपये प्रति किलोलीटर की दर से 50 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। इन योजनाओं के तहत किसानों को रोजगार और अतिरिक्त आय के अवसर भी मिलेंगे।
खजराहा और लुहरगाँव घाट में बायो ऊर्जा परियोजनाएं
वर्तमान में, झाँसी के बंगरा विकासखंड के ग्राम खजराहा में एक बायोमास प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जिसमें जंगली बबूल, सूखे पेड़ों और अन्य बायोमास से 100 टन उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा, आदित्य शर्मा द्वारा लुहरगाँव घाट में एक बायोगैस और सीबीजी प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है, जिसमें एफपीओ के 200 कृषक सदस्य शामिल होंगे।
कृषकों के लिए नए अवसर
इस बायो ऊर्जा परियोजना के शुरू होने से, न केवल किसानों की कमाई में वृद्धि होगी, बल्कि पर्यावरण में भी सुधार होगा। कार्बन उत्सर्जन में कमी आने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।