बुंदेलखंड के बांधों की स्थिति 2024: बारिश ने भर दिए 23 प्रमुख बांध
झांसी। बुंदेलखंड में इस साल का मानसून सीजन बेहद सफल साबित हुआ है। करीब दो महीने की लगातार बारिश ने मंडल के 23 बांधों को पूरी तरह भर दिया है। पिछले सात सालों में जिन बांधों में पानी की कमी बनी रहती थी, इस बार वे भी लबालब हो गए हैं। इनमें सपरार, खपरार और पहाड़ी जैसे बांध शामिल हैं। इस बारिश से न केवल आने वाले रबी सीजन में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध रहेगा, बल्कि पूरे साल पीने का पानी भी भरपूर मात्रा में मिलेगा।
बेतवा समेत छोटी नदियों के कैचमेंट में अच्छी बारिश
बुंदेलखंड के कई छोटे-बड़े जलाशयों को भरने में बेतवा, पहूज, खपरार और धसान जैसी नदियों की अहम भूमिका रही है। इन नदियों के कैचमेंट एरिया में इस बार अच्छी बारिश दर्ज की गई, जिससे बेतवा समेत अन्य बांध भी पूरी तरह भर गए हैं। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राजघाट बांध, माताटीला बांध, भौराट बांध, ढुकुवां बांध और पारीछा बांध अपने उच्चतम स्तर तक भर चुके हैं। यदि बेतवा नदी में जलस्तर और बढ़ता है, तो उसे नदी में ही छोड़ा जाएगा।
पारीछा और माताटीला बांध की स्थिति
बुंदेलखंड में बेतवा नदी को सबसे पहले ललितपुर जिले में स्थित राजघाट बांध में रोका जाता है। इसके बाद, माताटीला, सुकुवां-ढुकुवां और पारीछा बांध भरे जाते हैं। इस साल इन बांधों के भरने से सिंचाई विभाग को राहत मिली है, क्योंकि इससे पूरे साल झांसी और आसपास के इलाकों में सिंचाई के साथ-साथ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। माताटीला बांध झांसीवासियों की प्यास बुझाने के अलावा, रबी सीजन की खेती के लिए भी नहरों को पानी प्रदान करता है।
सकरार बांध की विशेष स्थिति
मऊरानीपुर में स्थित सपरार बांध इस साल करीब 86 प्रतिशत भर गया है, जबकि पिछले साल यह सिर्फ 36 प्रतिशत ही भरा था। इसके भरने से मऊरानीपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा। यह बांध क्षेत्र के किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा, क्योंकि अब उन्हें सिंचाई के लिए पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मुख्य अभियंता अंबुज द्विवेदी का कहना है कि अच्छी बारिश की वजह से बांधों में पर्याप्त पानी स्टोर हो गया है। इससे रबी सीजन की सिंचाई और साल भर के लिए पेयजल की व्यवस्था आसानी से हो सकेगी। कुल मिलाकर, इस साल की बारिश ने बुंदेलखंड के जलाशयों को संजीवनी दे दी है, जिससे किसानों और आम जनता दोनों को राहत मिलेगी।