काम के अधिक घंटे से फिजिकल हेल्थ पर क्या पड़ सकता है प्रभाव?

हफ्ते में 90 घंटे काम करने से सेहत पर क्या असर पड़ता है?

हाल ही में लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने हफ्ते में 90 घंटे काम करने पर अपनी सहमति जताई थी, जिसके बाद से इस मुद्दे पर काफी चर्चा हो रही है। लोग अपनी सेहत के बारे में चिंतित हैं कि क्या ज्यादा काम करने से उनके शरीर और दिमाग पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके जवाब में, डॉक्टरों ने इस विषय पर अपनी राय दी है और बताया है कि ज्यादा काम करना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

फिजिकल हेल्थ पर असर

अगर कोई व्यक्ति हफ्ते में 90 घंटे काम करता है, तो उसे शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। डॉ. गौरव गुप्ता, जो तुलसी हेल्थकेयर के सीईओ और सीनियर साइकेट्रिस्ट हैं, बताते हैं कि अधिक काम करने से शरीर पर भारी दबाव पड़ता है, जिससे थकान और इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। इससे इन्फेक्शन और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, लगातार बैठने से पोश्चर में खराबी आती है और पीठ, गर्दन के दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

मेंटल हेल्थ पर असर

इतने लंबे समय तक काम करने से मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। अत्यधिक तनाव, एंग्जायटी, डिप्रेशन और बर्नआउट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। डॉक्टर के मुताबिक, जब किसी व्यक्ति को आराम करने का समय नहीं मिलता है, तो उसकी मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही, सामाजिक मेलजोल और व्यक्तिगत समय की कमी के कारण व्यक्ति अकेलापन महसूस कर सकता है।

वर्क लाइफ बैलेंस है जरूरी

डॉ. गीता श्रॉफ, जो लाइटहाउस काउंसलिंग सेंटर की को-फाउंडर हैं, बताती हैं कि हफ्ते में 90 घंटे काम करने से जरूरी एक्टिविटी जैसे हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज के लिए समय नहीं मिलता है, जो सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, सही वर्क लाइफ बैलेंस बनाए रखना महत्वपूर्ण है, ताकि शारीरिक और मानसिक सेहत पर कोई प्रतिकूल असर न हो।

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