
सिबिल स्कोर: आपकी लोन और क्रेडिट कार्ड की चाबी, जानिए बैंक कैसे करते हैं मूल्यांकन
क्या आप जानते हैं कि आपका क्रेडिट व्यवहार आपके लोन और क्रेडिट कार्ड पाने की संभावनाओं को कैसे प्रभावित करता है? आपका सिबिल स्कोर, जिसे क्रेडिट स्कोर भी कहा जाता है, इसी का पैमाना है। यदि आप क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं या कभी लोन के लिए आवेदन किया है, तो आपने यह शब्द ज़रूर सुना होगा। आज हम विस्तार से जानेंगे कि सिबिल स्कोर क्या होता है और बैंक किस आधार पर यह तय करते हैं कि आपको लोन देना है या नहीं।
सिबिल स्कोर क्या है?
सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच की एक संख्या होती है, जो यह दर्शाती है कि कोई व्यक्ति अपने क्रेडिट बिलों का भुगतान समय पर करता है या नहीं और लोन की ईएमआई नियमित रूप से भरता है या नहीं। यह स्कोर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड (CIBIL) द्वारा निर्धारित किया जाता है। 900 के जितना करीब आपका स्कोर होगा, उतना ही बेहतर इसे माना जाता है, जबकि कम स्कोर वित्तीय संस्थानों की नज़र में नकारात्मक संकेत देता है।
सिबिल स्कोर कैसे निर्धारित होता है?
आपका सिबिल स्कोर मुख्य रूप से आपके पिछले क्रेडिट इतिहास पर आधारित होता है। इसमें निम्नलिखित बातें शामिल होती हैं:
- आपने अपने क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान कितनी नियमितता से किया है।
- यदि आपने कोई लोन लिया है, तो उसकी ईएमआई का भुगतान समय पर किया है या नहीं।
- आपके द्वारा लिए गए कुल क्रेडिट की मात्रा और उसका उपयोग।
- आपके द्वारा किए गए क्रेडिट आवेदनों की संख्या।
- आपके क्रेडिट खातों का प्रकार और उनकी अवधि।
यहां विभिन्न सिबिल स्कोर रेंज और उनके निहितार्थ दिए गए हैं:
- 300 से 549: इस रेंज में सिबिल स्कोर को खराब माना जाता है। ऐसे व्यक्तियों को लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि यह दर्शाता है कि उन्होंने अपने पिछले भुगतानों में अनियमितता दिखाई है।
- 550 से 649: यह रेंज संतोषजनक मानी जाती है, लेकिन इस स्कोर वाले व्यक्तियों के लिए बेहतर ब्याज दरों पर लोन के लिए मोलभाव करना मुश्किल हो सकता है। उन्हें उच्च ब्याज दरों पर लोन मिल सकता है और क्रेडिट कार्ड के लाभ भी सीमित हो सकते हैं।
- 650 से 749: इस स्कोर को अच्छा माना जाता है। यह इंगित करता है कि आपने आम तौर पर अपने क्रेडिट बिलों और ईएमआई का भुगतान समय पर किया है। हालांकि, इस रेंज के लोग बेहतर स्कोर प्राप्त करने का प्रयास कर सकते हैं।
- 750 से 900: यह सबसे उत्कृष्ट सिबिल स्कोर रेंज है। इस स्कोर वाले व्यक्तियों को आसानी से लोन मिल जाता है और वे क्रेडिट कार्ड से जुड़े कई लाभों के हकदार होते हैं। वे बैंक से बेहतर ब्याज दरों के लिए भी बातचीत कर सकते हैं, हालांकि यह बैंक के नियमों पर निर्भर करता है।
बैंक कैसे तय करते हैं लोन देना है या नहीं?
बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान लोन आवेदन का मूल्यांकन करते समय कई कारकों पर विचार करते हैं, जिसमें सिबिल स्कोर एक महत्वपूर्ण पहलू है। एक उच्च सिबिल स्कोर उधारकर्ता की अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री और समय पर भुगतान करने की क्षमता को दर्शाता है, जिससे लोन स्वीकृत होने की संभावना बढ़ जाती है।
हालांकि, सिबिल स्कोर एकमात्र निर्णायक कारक नहीं है। बैंक निम्नलिखित कारकों पर भी ध्यान देते हैं:
- आय: आवेदक की स्थिर और पर्याप्त आय लोन चुकाने की क्षमता का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण है।
- रोजगार: आवेदक का रोजगार की स्थिरता भी एक महत्वपूर्ण कारक है।
- कर्ज-से-आय अनुपात (Debt-to-Income Ratio): यह दर्शाता है कि आवेदक की आय का कितना हिस्सा मौजूदा कर्जों को चुकाने में जाता है। कम अनुपात बेहतर माना जाता है।
- संपत्ति: कुछ प्रकार के लोन के लिए, बैंक संपत्ति को सुरक्षा के रूप में भी देख सकते हैं।
- बैंक की नीतियां: प्रत्येक बैंक की अपनी जोखिम मूल्यांकन नीतियां होती हैं, जो लोन स्वीकृति के निर्णय को प्रभावित कर सकती हैं।
संक्षेप में, एक अच्छा सिबिल स्कोर लोन और क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बना सकता है और बेहतर शर्तों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है। इसलिए, अपने क्रेडिट स्वास्थ्य को बनाए रखना वित्तीय रूप से जिम्मेदार होने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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