उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के नागरिकों को एक बड़ी राहत दी है। सरकार ने भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 को लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे अब यूपी में फ्लैट और मकान सस्ते होने की उम्मीद है।
नई नीति के तहत महंगी जमीन पर ज्यादा निर्माण की अनुमति दी जाएगी। साथ ही भवन निर्माण के कई पुराने और सख्त मानकों में ढील दी गई है, जिससे अब छोटे भूखंडों पर भी अधिक फ्लैट बनाए जा सकेंगे।
🔧 क्या-क्या बदला गया है उपविधि में?
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500 वर्गमीटर तक के आवासीय और 200 वर्गमीटर तक के वाणिज्यिक भवनों के नक्शे अब ऑनलाइन मंजूर होंगे।
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घर के 25% हिस्से में डॉक्टर्स, वकील, सीए, आर्किटेक्ट्स के ऑफिस, नर्सरी और होमस्टे चलाने की अनुमति होगी।
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एफएआर (FAR) बढ़ाया गया है, जिससे अब 40% तक ज्यादा निर्माण संभव होगा।
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100 वर्गमीटर तक के आवासीय भवनों और 30 वर्गमीटर तक के दुकानों के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
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एनओसी की प्रक्रिया को आसान और सीमित समय में पूरा करने की व्यवस्था की गई है।
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ग्रुप हाउसिंग के लिए अब 1000 वर्गमीटर के भूखंड पर भी निर्माण की अनुमति होगी।
🏗️ मकानों की कीमतें कैसे होंगी कम?
भवन निर्माण के नियमों में मिली छूट से अब निर्माण लागत में कमी आएगी। साथ ही ऑनलाइन प्रक्रिया से नक्शा पास करवाने में लगने वाला समय और पैसा दोनों की बचत होगी। इससे भू-स्वामी और बिल्डर दोनों को फायदा मिलेगा, जो अंततः मकानों की कीमतों में गिरावट लाएगा।
🏙️ शहरीकरण की जरूरत को समझते हुए बड़ा कदम
पिछली 17 वर्षों से लागू विकास उपविधि को अब पूरी तरह से अपडेट किया गया है। शहरी क्षेत्रों में लोगों की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह नई उपविधि लाई गई है। इससे शहरी विकास को गति मिलेगी और आम आदमी को भी अपना घर खरीदने का सपना साकार करने में मदद मिलेगी।