झांसी, ललितपुर और जालौन जिलों में अपराध रोकने के लिए पुलिस ने ‘नाकाबंदी योजना’ का नया सुरक्षा कवच तैयार किया है। डीजीपी के निर्देश पर इस योजना के तहत बदमाशों के भागने के सभी रास्तों को सील करने की प्रक्रिया लागू की जाएगी। घटना के तुरंत बाद इलाकों की सीमाएं और शहर के प्रवेश व निकास मार्ग सील कर दिए जाएंगे।
नाकाबंदी योजना का उद्देश्य
- अपराध पर नियंत्रण: झपटमारी, वाहन चोरी और अन्य आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए संवेदनशील इलाकों में नाकाबंदी की जाएगी।
- सीमा पर निगरानी: शहर की सीमाओं और हाईवे पर यूपी 112 की गाड़ियां दिन-रात गश्त पर रहेंगी।
- अवैध गतिविधियों पर लगाम: नशीले पदार्थ और अवैध हथियारों के रैकेट पर शिकंजा कसा जाएगा।
नाकाबंदी योजना की प्रक्रिया
- त्रिस्तरीय चेकिंग सिस्टम: जिले के सभी हॉटस्पॉट और सीमावर्ती मार्गों की पहचान कर उन्हें तीन स्तरों पर चेकिंग के लिए विभाजित किया गया है।
- मॉक ड्रिल: पुलिसकर्मियों को मॉक ड्रिल के जरिए नाकाबंदी प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
- सुरक्षा उपकरण: नाकाबंदी के दौरान सभी पुलिसकर्मी सरकारी हथियार और बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस होंगे।
- सोशल मीडिया और एलआईयू: अफवाहों को रोकने और सही जानकारी के आदान-प्रदान के लिए पुलिस कंट्रोल रूम, सोशल मीडिया सेल और एलआईयू को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
स्थायी नाकाबंदी का प्रावधान
जिन स्थानों पर बार-बार अपराध की घटनाएं होती हैं, वहां स्थायी रूप से नाका स्थापित किया जाएगा। इन नाकों पर 5-6 पुलिसकर्मियों के साथ डायल 112 की गाड़ियां तैनात रहेंगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बदमाश वारदात को अंजाम देकर शहर से बाहर न भाग सकें।
डीजीपी के निर्देश
डीजीपी ने स्पष्ट किया है कि अपराधियों की धरपकड़ और गश्त व्यवस्था को पहले से ज्यादा प्रभावी बनाया जाएगा। जिला, रेंज और जोन की सीमाओं को अपराध की सूचना मिलते ही तुरंत सील किया जाएगा।
झांसी रेंज के पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने कहा, “अपराध पर अंकुश लगाने के लिए नई रणनीति तैयार की गई है। सुरक्षा व्यवस्था को और भी सुदृढ़ किया जा रहा है।”