साइबर फ्रॉड से 10,000 से अधिक बैंक खाते हुए बंद, जानिए क्या है कारण
झाँसी (उत्तर प्रदेश): झाँसी में बढ़ते साइबर क्राइम की वजह से अब तक 10,000 से अधिक बैंक खातों को बंद किया जा चुका है। यह मामले खासतौर पर उन व्यापारियों और कारोबारियों से जुड़े हैं, जिनके खातों में धोखाधड़ी की रकम ट्रांसफर की गई थी। इन मामलों में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इन खातों को फ्रीज कर दिया है।
साइबर फ्रॉड का शिकार हुआ व्यापारी
समीर कम्बल, जो झाँसी के सराय इलाके का निवासी है, को हाल ही में एक ऐसे ही मामले का सामना करना पड़ा। समीर ने एक ग्राहक को 1200 रुपये का कम्बल ऑनलाइन बेचा, लेकिन दो दिन बाद उनके खाते में अचानक से लेन-देन रुक गया। बैंक में जांच करने पर पता चला कि उनके खाते में साइबर फ्रॉड की रकम ट्रांसफर हो गई थी और इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस ने उनका खाता बंद कर दिया।
साइबर अपराधी विभिन्न राज्यों से सक्रिय
साइबर अपराधी अब झाँसी सहित कई अन्य शहरों में सक्रिय हैं। इन अपराधियों द्वारा गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, दिल्ली, तमिलनाडु, सिक्किम जैसे राज्यों से आकर झाँसी में शॉपिंग और अन्य खर्चों के रूप में ठगी की रकम ट्रांसफर की जाती है। इसके बाद यह रकम विभिन्न बैंकों में ट्रांसफर कर दी जाती है, जिससे उन बैंक खातों को भी फ्रीज किया जा रहा है।
बैंक खाते बंद होने का कारण
साइबर फ्रॉड से संबंधित मामलों में शिकायतें राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज होती हैं, जिसमें पीड़ित लोग उन खातों की जानकारी देते हैं जिनमें उन्होंने पैसे ट्रांसफर किए थे। इसके बाद पुलिस उन खातों को ट्रेस करके उन्हें फ्रीज कर देती है।
खाता बंद होने पर क्या करें?
अगर आपके साथ भी इस तरह की घटना हुई है और आपका खाता फ्रीज हो गया है, तो आपको सबसे पहले साइबर थाने में शिकायत देनी चाहिए। इसके बाद नजदीकी पुलिस स्टेशन में भी जानकारी दी जा सकती है। पुलिस द्वारा जांच करने के बाद खाता फिर से चालू कराया जा सकता है।
निष्कर्ष
साइबर क्राइम एक गंभीर समस्या बन चुकी है और इसके खिलाफ लोगों को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। यदि आपने किसी ठगी का शिकार किया है, तो तुरंत रिपोर्ट करें ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।