ललितपुर: पाली थाना क्षेत्र में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में आरोपी तत्कालीन इंस्पेक्टर तिलकधारी सरोज को पॉक्सो ऐक्ट न्यायालय से राहत नहीं मिली। विशेष न्यायाधीश नवनीत कुमार भारती ने आरोपी की ओर से पुनः विवेचना की अर्जी को खारिज कर दिया।
क्या है मामला?
22 अप्रैल 2022 को पाली थाना क्षेत्र में नाबालिग के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले ने जनपद की छवि और खाकी पर सवाल खड़े कर दिए। इस मामले में आरोपी इंस्पेक्टर को हाइकोर्ट से मिली जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद स्वयंसेवी संस्था “बचपन बचाओ आंदोलन” ने पीड़िता की माँ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इंस्पेक्टर ने आत्मसमर्पण कर दिया।
न्यायालय की प्रक्रिया
आरोपी की ओर से न्यायालय में धारा 156(3) सपठित धारा 173(8) के तहत पुनः जाँच और मॉनिटरिंग विवेचना की अपील की गई थी।
- आरोपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने दलीलें और नजीरें प्रस्तुत कीं।
- अभियोजन पक्ष ने भी अपने तर्क रखे।
- विशेष न्यायाधीश ने यह कहते हुए अर्जी खारिज कर दी कि प्रार्थना पत्र में उठाए गए बिंदुओं पर विचार न्यायालय की सुनवाई के दौरान किया जा सकता है।
आगे की सुनवाई की तारीख
मामले की सुनवाई और आरोपों पर विचारण के लिए 19 दिसंबर की तारीख तय की गई है। इसके बाद साक्ष्य प्रक्रिया शुरू होगी।
महत्वपूर्ण तथ्य
- न्यायालय: विशेष न्यायालय पॉक्सो ऐक्ट, ललितपुर।
- अरोपित: तत्कालीन इंस्पेक्टर तिलकधारी सरोज।
- मामला: सामूहिक दुष्कर्म।
- तारीख: 19 दिसंबर से साक्ष्य प्रक्रिया।