
महाकुंभ में स्नान करने के बाद ममता कुलकर्णी ने संगम किनारे अपने पूर्वजों का पिंडदान किया। इसके बाद किन्नर अखाड़े के संतों ने उन्हें दीक्षा दी और चादरपोशी की रस्म के बाद उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित किया।
ममता कुलकर्णी ने एक वीडियो जारी कर अपनी नई यात्रा की जानकारी दी और बताया कि वे अब साध्वी के रूप में संगम, काशी और अयोध्या की यात्रा करेंगी। उनके इस कदम को लेकर भक्तों और अनुयायियों में खासा उत्साह देखा जा रहा है।